भारत के गुजरात के सारंगपुर का कष्टभंजन हनुमान मंदीर जहा शनिदेव स्त्रीवेष हनुमानजी के चरणोमे बसे है ( KASHTBHANJAN HANUMAN TEMPLE IN SARANGPUR GUJARAT – INDIA )
भारत ( INDIA ) के गुजरात ( GUJARAT ) के सारंगपुर ( SARANGPUR ) मे बसे हनुमान मंदीर ( HANUMAN TEMPLE ) की देश के अन्य मंदीरोंसे अलग खासियत है क्योंकी उसका शनिकी साडेसाती से रिश्ता है ! शनिकी साडेसाती बहोत ही कठीण और तकलिफोसे भरी मानी जाती है और जिनके राशी मे शनिकी साडेसाती आती है उनके उपर कुछ ना कुछ तो मुसिबत आती रहती है ! प्राचीन काल से इस साडेसाती को भारत मे अहमियत दी गयी है और उससे भगवान भी बच नही पाये ऐसी समझ है ! उस वजह से जिनके राशी मे साडेसाती आयी उन लोगोने हनुमान जी से साडेसाती से छुटकारे पाने के लिये मन्नत की है ! ऐसे समय मे शनिदेव के साथ साथ हनुमान जी की भी भक्ति की जाती है !
इस मंदीर मे हनुमान जी के चरणोमे स्त्रीवेष मे शनिदेव बसे है ! कष्टभंजन हनुमान मंदीर नाम से जाना जानेवाला यह मंदीर विशाल और बहोत ही खुबसुरत है ! महाबली हनुमान बालब्रम्हचारी है और महिलाओंका आदर और सन्मान करनेवाले ऐसे मशहूर है ! पौराणिक कथा के अनुसार हनुमान जी ने शनिदेव को बारबार सबक सिखाया है और उस वजह से शनिदेव हनुमान जी से डरके रहते है !
कष्टभंजन मंदीर की कहानी ऐसी बतायी जाती है की एकबार ऐसे ही शनिका प्रकोप हुआ और उस वजह से शनिदेव का गुस्सा शांत करने के लिये भक्तोने हनुमान जी से मन्नत की ! शनिदेव पर क्रोधित होके हनुमान जी भक्तोंके संकट दूर करने के लिये तैयार हो गये ! हनुमानजी क्रोधित हुये यह जानकर शनिदेव डर गये ! हनुमान जी महिलाओंका आदर और रक्षण करते है यह जानकर उन्होने स्त्रीरुप धारण कर लिया और उनके चरणो मे शरण ली और उनसे क्षमा याचना की !
इस मंदीर मे जो हनुमानजी की मुर्ती है वो बहोत ही खुबसुरत है और मुर्ती के आसपास वानरगण है ! यहा बडी तादाद मे भक्तजन आते रहते है ! मंदीर एक किले की तरह है और हनुमान जी सोनेकी सिंहासनापर विराजमान है ! उन्हे महाराजाधिराज के नाम से भी जाना जाता है ! भारत ( INDIA ) के गुजरात ( GUJARAT ) के सारंगपुर ( SARANGPUR ) मे बसे हनुमान मंदीर ( HANUMAN TEMPLE ) मे आनेवाले भक्तोंकी मनोकामना पुरी होती है ऐसा भक्तोंको विश्वास है !
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