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उत्तरी दक्षिण अमेरिका के पार काफी बडी सैकडो विशाल सुरंगे है, जिसमे मनुष्य चल नही सकता लेकिन वे नाही तो मनुष्यो द्वारा बनायी गयी है और नाही किसी भी ज्ञात भूवैज्ञानिक प्रक्रिया द्वारा निर्माण हुई है ! लेकिन उनके रचनाकारों ने सभी दीवारों और छतों के आसपास विशाल पंजो के निशान सबूत के तौर पे छोड़ दिए हैं ! भूवैज्ञानिक इन सुरंगों को "पीलेब्यूरो" कहते हैं और ये माना जाता है कि वे विशाल धीमी गती से जमीन पे चलने वाले विलुप्त प्रजातियों द्वारा खोदी गयी हैं !
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हेनरिक फ्रॅंक जो ब्राजील के फेडरल यूनिवर्सिटी ऑफ रियो ग्रॅंड डो सुल मे प्रोफेसर उन्होने इस शब्द का प्रयोग किया था, जो सन २००० के दशक के शुरुआती दिनों में नोवो हंबर्गो शहर में एक निर्माण स्थल पर से लिया गया था ! तब तक वैज्ञानिक साहित्य में इन सुरंगों के बारे में बहुत कुछ ज्ञात किया तथा लिखा गया था ! लेकिन जब वह पहली बार यहा आ गये तब हेनरिक फ्रॅंक और अन्य शोधकर्ताओं ने रियो ग्रॅंडे डो सुल के अकेले राज्य में १५०० से अधिक सुरंगों की खोज की, जिनमें से कुछ सुरंगे खरोंच के निशानो के साथ सैकड़ों फीट लंबी और कई दिशाओं में गयी हैं !
जिनमें से एक सबसे बडी है जो २००० फीट दुर तक और ६ फुट उंची और ३ से ५ फुट चौडी मापी गयी है ! एक अनुमान के मुताबिक ढलान से ४००० मीट्रिक टन गंदगी और चट्टान खोदा गया था ताकि अंदर जाने के लिए होल को बनाया जा सके ! यह स्पष्ट रूप से तय था के ये एक या दो व्यक्तियों का काम नहीं था लेकिन कई पीढ़ियों का इस काम मे गुजर गई होगी !
Photo Credit : Glossotherium robustum (syn. Mylodon robustus) |
दक्षिण अमेरिका मे १०००० साल पहले आज के हाथियों से भी बडेधीमी गती से जमीन पर चलने वाले स्तनधारी प्रजाती रहती थी ! हेनरिक फ्रॅंक का मानना है की इन विशाल बिलों निर्माण उन्होने ही किया होगा ! वह इस पृथ्वी पर की सबसे बडी स्तनधारी जानवरों की प्रजाती थी जो बाकी प्रजातीयों से काफी बडी थी ! बाकी लोग मानते है की इस काम के लिए छोटे जानवरों प्रजाती आर्मैडिलोस जिम्मेदार है जो इन बडे जानवरों से काफी छोटे थे ! मगर उनके बिलों के आकार को देखकर फ्रॅंक और उनके साथी उन्हे समझाने की कोशिश कर रहे है !
पीलेब्यूरो में भी एक अजीब भौगोलिक वितरण होता है, वे केवल दक्षिण ब्राजील के रियो ग्रॅंडे डो सुल और सांता कैटरीना राज्यों में पाए गए हैं और बाकी बचे उत्तरी ब्राजील में या अन्य दक्षिण अमेरिकी देशों में पाए गए हैं ! यहां तक कि एक बार उत्तरी अमेरिका में विशाल आर्मैडिलोस रहते थे जहां विशाल भूमि ढलती है ! यहा तक की यहा कोई भी पीलेब्यूर्रो नहीं मिला है ! हालांकी ब्रीज ऑफ लैंड मैनेजमेंट के एक पेलियोटोलॉजिस्ट ग्रेग मैकडोनल्ड का मानना है कि यह केवल समय की बात है के इससे पहले कि हम उन्हें ढूंढते लेते ! वे कहते हैं तथ्य यह है कि अब वे यहाँ नहीं है, बस यह हो सकता है कि हमने उन्हें अनदेखा कर दिया हो ! अभी भी बहुत से अनुत्तरित प्रश्नों और उसके रचनाकारों के आसपास के सवाल हैं ! किसने उन्हें बनाया होगा और क्यों बनाए गए थे? वे कैसे बनाए गए थे, और कब?
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