नेपाल का पशुपतीनाथ मंदिर, PASHUPATINATH TEMPLE - NEPAL

PASHUPATINATH TEMPLE


नेपाल का पशुपतीनाथ मंदिर हिंदु संस्कृती मे बारा ज्योतिर्लिंगोंमेंसे आधा ज्योतिर्लिंग माना जाता है ! देश विदोशोंमे के सारे भक्त पहले नंदी का दर्शन लेते है फिर महादेव का दर्शन लेते है ! यही रिवाज हर जगह निभाया जाता है मगर पशुपतीनाथ मंदिर इसको अपवाद है ! मगर यहाँ पहले भगवान भोलेनाथ का दर्शन लेके फिर नंदी का दर्शन लेने का रिवाज है ! बागमती नदी के तट पर यह विशाल मंदिर बसा हूआ है ! 

पौराणिक कथावोंके अनुसार महादेव के १२ स्वयंभू क्षेत्र माने जाते है उसमे पशुपतीनाथ का आधा और उत्तराखंड के केदारनाथ का  आधा ऐसे मिलकर एक ज्योतिर्लिंग माना गया है ! नेपाल के पशुपतीनाथ मंदिर से कई रहस्य जुडे हुए है ! इस वजह से मंदिर का आकर्षण  भी बडा है और केवल भक्त ही नही बडी तादाद मे परदेशी पर्यटक भी इस मंदीर की खासकर यात्रा करते है ! हिंदुओंके आंठ सबसे पवित्र शिवमंदिरोन्मे इसकी गिनती की जाती है ! पशुपतीनाथ जमीन के तल के रास्ते केदारनाथ से जुडा है ऐसी कथा सुनाई जाती है ! 

ऐसा विश्वास है की मानव योनी मे जनम लेने के लिए ८४ लक्ष योनीओमे से आत्मा गुजरती है ! उसमेंसे पशुयोनीमे पशुपतीनाथ का दर्शन लेने से दोबारा जनम नही आता ! मगर उसके साथ यहाँ शिव का दर्शन पहले फिर नंदी का दर्शन लेने की परंपरा है ! नंदीका दर्शन पहले लेने से पशुयोनी मे जनम मिलता है ऐसी भी श्रद्धा है ! मंदिर के नजीक आर्य नामक घाट है वहाँ से पानी शिवलिंग पर डालने के लिए लाया जाता है ! मंदिर का लिंग चार मुखोंवाला है और ऐसी भी समज है की लिंग पारस के पत्थर से बनाया हुआ है ! पारस का स्पर्श अगर लोखंड से हो तो वह भी सोना बन जाता है ऐसी समज बहोत पहलेंसे चली आ रही है ! 

SHRI PASHUPATINATH TEMPLE

नेपाल की जनता उसीतरह राजपरिवार की यह आराध्य देवता है ! युनेस्को ने इस जगह को विश्व धरोहर सुची मे शामिल किया हुआ है ! कई साल पहले आये हुए प्रलयंकारी भूकंप मे नेपाल के बहोत से घर, मंदिरे और इमारते तबाह हो गयी मगर इस मंदिर को ज्यादा नुकसान नही हुआ !

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