नासिक और शूर्पणखा का संबंध ( RELATION BETWEEN NASIK AND SHURPANAKHA )
महाराष्ट्र के गोदावरी तटपर बसा नासिक शहर पवित्र धार्मिक स्थल के रूप मे मशहूर है ! हालांकि इस गांव को नासिक नाम मिलने के पिछे रावण की बहन शूर्पणखा से संबध है यह हमे मालूम नही होगा ! राम, लक्ष्मण, सीता के वास्तव्य से पावन हुयी यह नगरी ! ऐसा भी कहा जाता है अगर लक्ष्मण शूर्पणखा का नाक नही काटते तो सीता हरण नही होता, राम रावण युद्ध नही होता ! शूर्पणखा रावण की बहन थी, उसका नाक काटने से रावण गुस्सा हो गया और उसने सीताहरण किया ! इसी वजह से राम रावण युद्ध हो गया !
राम, लक्ष्मण सीता वनवास काटते घुमते हुये यहाँ आ गये और भारद्वाज मुनीने दंडकारण्य का हिस्सा माने जानेवाले इस जगह मे राम को कुटीया बनाकर रहने के लिये कहा ! पांच बडे वटवृक्षोंकी इस जगह पर राम ने कुटीया बनायी, पांच वटवृक्षोंकी वजह से यह जगह पंचवटी नाम प्राप्त हो गया ! उसी तरह यहाँ के तपोवन मे लक्ष्मण ने शूर्पणखा का नाक काट दिया ! नाक को नासिका ऐसा भी शब्द है, इसी वजह से इस जगह का नाम नासिक हो गया ऐसा कहा जाता है !
नासिक मे राम लक्ष्मण सीता की बहुत सी मंदिरे है ! गोदावरी स्नान का बडा महत्व बताया जाता है ! हर १२ साल के बाद यहाँ कुंभमेला लगता है ! सीतागुंफा नाम से प्रसिद्ध इस जगह से रावण ने सीता का हरण किया ऐसा विश्वास है ! यहाँ के रामकुंड मे श्री राम जी स्नान करते थे और इस वजह से यह कुंड मशहूर है भक्त यहाँ अवश्य स्नान करते है ! यहाँ अस्थीविसर्जन करने से मोक्ष मिलता है ऐसा विश्वास है और महात्मा गांधी के अस्थीयोंका यहाँ विसर्जन किया गया था !
यहाँका प्रसिद्ध कालाराम मंदिर का निर्माण पेशवा ने किया है ! पंचवटी के साधुओने राक्षसोंसे सरक्षंण देनेके की बिनती राम से करने के बाद उन्होंने काला रूप लेकर राक्षसोंका विनाश किया था ऐसा वर्णन पाया जाता है ! सुंदर नारायण, कैलास मठ ऐसी और भी मंदिरे देखनेलायक है ! नासिक को धार्मिक पर्यटनस्थल के नाम से जाना जाता है !
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