GIRIJABANDH HANUMAN TEMPLE – CHHATTISGARH

छत्तीसगढ का गिरीजाबंध हनुमान मंदीर, जहाहनुमान स्त्री वेष मेहै ! ( GIRIJABANDH HANUMAN TEMPLE – CHHATTISGARH ) 

GIRIJABANDH HANUMAN TEMPLE

हालाकीहनुमानजी महाबली के नामसे जाने जातेहै मगर भारतमे ऐसा भीएक मंदीर हैजहा हनुमान स्त्रीवेष मे है! छत्तीसगढ (Chhattisgarh ) के विलासपूरसे( Vilaspur ) २५ किमी कीदुरी पर रतनपूर ( Ratanpur ) मे यह प्राचीनमंदिर है ! इसगांव को महानगरी ( Mahanagari )  नाम सेजाना जाता है! इस मंदिर काइतिहास १० हजारसाल पुराना हैऐसा कहा जाताहै ! इसी गांवमे महामाया कामंदिर ( Mahamaya Temple ) है , औरहनुमान मंदिर ( Hanuman Temple ) यहा गिरीजाबंधहनुमान ( Girijabandh Hanuman Temple ) के नाम सेजाना जाता है!


इसमंदिर का पौराणिकमहत्व है ऐसाकहा जाता है! रतनपूर के राजापृथ्वी देवजू कही तरहके बिमारीयोंसे अस्वस्थरहते थे उनकोमहारोग हआ था! कभी कभी उनकोलगता था केमै इतना बडाराजा होके मैबिमार रहता हू, कई इलाज करनेके बाद भीमैं ठीक नहीहो रहा हू, जिस वजह सेमैं किसीको छुनही सकता, किसीकोदान नही करसकता ! ऐसे जीनेसे मरणा अच्छाहै ! उस रातउनके सपनो मेआके संकटमोचन श्रीहनुमानजी ने उनकोदेवी के रूपमे दर्शन दिया, रूप देवी काथा मगर देवीनही, सुरत बंदरकी मगर पुंछनही, एक हाथमे लड्डु कीथाली और दुसरेहाथ मे राजमुद्रा, कानोमे कुंडल, सिर परबडा मुकुट, बदनपे अष्ट्सिंदुर कालेप इस रूपमे उनको हनुमानजीके दर्शन हुये! हनुमानजीने उन्हे कहा रोगसे छुटकारा पानेके लिये मेरामंदीर बंधवावो, तालाबखुदवाके उसमे स्नानकरके उसमे मेरीमुर्ती है उसकीपूजा करो !

राजानेहनुमानजी के कहेमुताबिक वैसे हीकिया तालाब खोदकरउसे गिरिजाबंध नामदिया, और महामायाकुंडमे मुर्तीकी खोज कीमगर उन्हे वहनही मिली ! उसरात फिर हनुमानजीउनके सपने मेआये और कहामुर्ती वही हैफिरसे ढुंढो ! दुसरीबार कोशिश करनेपर राजा कोमुर्ती मिली ! मुर्ती केदाये खंदेपर रामऔर बाये खंदेपरलक्ष्मण विराजमान थे औरउनके पाओंके निचेअसुरोंका पतन होरहा है ! राजानेमुर्तीकी मनसे पूजाकी और उनकामनोरथ पुरा होगया उसी तरहभक्तोंका मनोरथ पुरा होऐसे राजा नेश्री हनुमानजीसे गुजारीशकी !


यहहनुमान मंदिर ( Girijabandh Hanuman Temple ) देशभर मे मशहूरहै ! ऐसा कहाजाता है केयहा आया हुआभक्त कभी खालीहाथ वापस नहीगया ! ऐसी श्रद्धाहै की यहाजो भी भक्तआता है उसकीसारी मनोकामना श्रीसंकटमोचन हनुमानजी पुरी करदेते है !

No comments:

Post a Comment