SHREEKAALHASTEE TEMPLE

बहोत ही खुबसुरत श्रीकालहस्ती 

SHREEKAALHASTEE temple


तिरुपतीसे महज ३६ किलोमीटर की दुरी पे बसा ये शिवमंदिर बहोत ही खूबसूरत और देखनेलायक है ! एक ऐसी जगह जहां एक बार तो जाकर आना ही चाहिए ! जिस जमाने में कोई भी यांत्रिक उपकरण मौजूद नहीं थे, लोगो का भगवान पे भरोसा नहीं था उस ज़माने में भी अपने यहाँ आसमान को चूमने वाले भव्य मंदिर कैसे बनाये गये होंगे, काले पत्थरोमे ये सब अभूतपूर्व शिल्प कैसे तराशे गये होंगे ये अगर जानना है तो ऐसे मंदिरोंको भेट देना अनिवार्य हो जाता है ! श्रीकालहस्ती वायुलिंग स्वरुप में बसा भगवान शिव का मंदिर है ! दाक्षिणात्य कलाकृति की तरह ये भी अतिप्रचंड जगह पे बना भव्य मंदिर है !

अपने यहाँ जो भी मंदिर बने है उसके पीछे कुछ ना कुछ तो कहानी है वैसे इस मंदिर को भी है ! श्री नाम के मछुवारे ने यहाँ शिवलिंग पर जाल बुना, काल नाम के सांप ने उस लिंग के सरपर मणी रखा और हस्ती नाम के हाथी ने अपने सूंड़से उसपर पानी का अभिषेक किया ! ये तीनोंभी शिवभक्त थे ! इस मंदिरकी ज्योत सदा डगमगाते रहती है क्योंकी हवा यहाँ सदैव बहती रहती है ! इस शिवलिंग में राहु और केतु है ऐसा भारत का ये एकमात्र शिवलिंग है ऐसे  माना जाता है !

इस मंदिर में लाखो भक्त अपनी मन्नत पूरी करने आते है , ऐसा कहा जाता है अगर इस मंदिर में पाँव को पाँव जोड़ के इस मंदिर की तीन प्रदक्षिणा पूरी की जाय तो मांगी हुई कोई भी मन की मुराद पूरी हो जाती है ! अनेक भक्त तो यहाँ जमीन पर लेट कर इस मंदिर की प्रदक्षिणा करते है ! शायद ये सब एक मन्नत का ही हिस्सा होता है ! छत्रपती शिवाजी महाराज भी यहाँ आकर गये थे, इस का जिक्र इतिहास में भी दिया गया है ! मंदिर में समय अनुसार उसकी पूजा और पालखी का कार्यक्रम होते रहता है ! संगीत की आवाज के साथ निकली पालखी देखना भी एक खुशी की बात है ! उसमे भी सुन्दरता से बढ़कर मनुष्य के मन का भोलापन मनुष्य के दिल को छू जाता है ! तिरुपति के बाद बहुत से भाविक इस मंदिर का दर्शन करने यहाँ आते है ! और ये भी कहा जाता है की इस मंदिर के दर्शन करने के बाद भविकोंको किसी और मंदिर के दर्शन किये बिना सीधा घर पे ही जाना पड़ता है ! 

तिरुपति गांवसे टैक्सी, बस इस गाँव को जाते रहते है और कालहस्ती नाम का रेलवे स्टेशन भी है ! यहाँ रहने के बारे में ज्यादा मालूमात नहीं क्योंकी भाविक दर्शन लेने के बाद तिरुपति या किसी और स्थान पे लौट जाते है ! यहाँ महाशिवरात्री में भक्तो का मेला लगता है !

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