मोरक्को के रेगिस्तान मे सुनाई देती है संगीत की धुने
मोरक्को देश के रेगिस्तान मे सदियोंसे सफर करनेवालोंको संगीत के सुर सुनाई देते है ! मगर ये संगीत कैसे सुनाई देता है और इसे कौन बजाता है इसका पता किसीको नही चलता ! मोरक्को का ये रेगिस्तान रहणे के काबिल नही यानी के यहा कोई भी बस्ती नही है मगर यहा अलग अलग वाद्योंकी आवाज सुनाई देती है इसके पिछे भुत प्रेत आत्मा है ! यहा के लोगोंकी समज ये है के मुसाफिरोंको डराने के लिये भुत ड्रम, व्हायोलिन तथा अन्य वाद्योंकी धुन निर्माण करते है ऐसा मानना है !
१३ वी सदिमे जगप्रसिद्ध मुसाफिर मार्को पोलो इस रेगिस्तान मे आये थे तभी तो उन्होने उनके इस सफर का वर्णन करते हुये यहा वाद्योंकी धुन सुनी थी ऐसा लिखा है ! अनेक लोगोने इस ध्वनी की तलाश की मगर इसके पिछे का रहस्य नही सुलझा पाये ! मगर वैज्ञानिकोने इस रहस्य से पर्दा उठा दिया है उनके हिसाब से रेगिस्तान मे हमेशा हवा बहती रहती है इस वजह से रेत के पहाड बन जाते है और रेत उडके दुसरी जगह चली जाती है ! रेत का वजन ज्यादा होता है हवा की वजह से पहाडोंकी निचे की रेत फिसलने लगती है तब रेत के कण कितने बडे है और उनके फिसलने की रफ्तार कितनी है इस वजह से अलग अलग ध्वनी निर्माण होती है ! हवा अगर जोरोंसे बह रही है तो रेत फिसलने की रफ्तार भी बढ जाती है और उसमे से ही ध्वनी निर्माण होती है ! कुछ भी हो मगर इस रेगिस्तान की खुबसुरती देखने के लिये यहा एकबार तो जाना चाहिए !
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