नागालॅण्ड और महाभारत

खुबसुरत पर्यटन स्थल नागालॅण्ड और महाभारत के बीच के संबध 


भारत के पुर्वोत्तर राज्योमेसे एक राज्य है नागालॅण्ड जो बहोत ही खुबसुरत पर्यटन स्थल है ! बहोत से लोग इस बात से अंजान है मगर ये सच है ऐसा प्रतित होता है जैसे कुदरत ने अपनी सारी सुंदरता यहा बिखेर दी हो ! नागालॅण्ड के दिमापुर शहर की काफी कहानिया महाभारत से संबधित है और उसके अवषेश भी वहा पाये गये है ! दिमापुर का एक नाम हिडिंबापुर भी है उसका संबध भीम और उनकी राक्षस पत्नी हिडिंबा से है ! इस जगह पे उंची उंची गोटीयोंकी कतारे है ऐसा कहा जाता है इससे भीम और घटोत्कच शतरंज और सारिपाट खेला करते थे ! पर्यटको के लिये ये एक बडा आकर्षण है !

ऐसा माना जाता है के पांडवोने अपने अज्ञातवास के कुछ साल यहा गुजारे थे ! तब यहा हिडिंब राक्षस व उसकी बहन हिडिंबा का राज था ! रात के समय जब हिडिंबा भुख के कारण मानवोंके तलाश मे जंगल मे भटक रही थी तो उसकी नजर सोते हुये पांडवोपर और उनकी रक्षा करते भीम पर पडी ! पर भीम को देखते उसे पहली नजर मे प्यार हो गया और इसलिये उसने पांडवो की हत्या नही की ! इसकारण हिडिंब को बहोत गुसा आ गया और फिर वह भीम के साथ लढाई मे मारा गया ! हिडिंबाने फिर माता कुंतीके पास जाकर भीम के साथ शादी करणे की इच्छा प्रकट की और मना करणे पर प्राणत्याग करणे की बात कह दी ! उसके बाद दोनोंकी शादी इस शर्त पर हुयी की भीम दिनभर हिडिंबा के साथ रहेगा और रात को पांडवो के साथ ! उसके बाद पाण्डव सालभर वहा रुके फिर उसी वक्त घटोत्कच का जनम हुआ !

घटोत्कच जन्म लेते ही बडा हो गया और उसने पांडवोसे वादा किया जब वो उसे याद करेंगे तो वह तुरंत उनकी सहायता के लिये हाजिर हो जायेगा ! पांडवोने उसे कुरुक्षेत्र के युद्ध के समय याद किया और घटोत्कच वही वीरगती को प्राप्त हो गया ! इस जगह के डिमाशा जाती के लोग आज भी खुद को हिडिंबा के वंशज बताते है ! हिडिंबा बादमे नागालॅण्ड छोड के हिमाचल प्रदेश चली गयी और वही उसे दानव योनी से मुक्ती मिली और वह देव योनी मे चली गयी ऐसी समज है ! मनाली मे हिडिंबा का सुंदर मंदीर है और वह उस गांवकी ग्रामदेवता मानी जाती है ! दिमापुर मे कचहारी कार्यकाल के बहोत से सुंदर मंदीर, तालाब, किले है ! आज भी यहा के कुदरत की सुंदरता का कोई तोड नही है ! 

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