ANCIENT VIRUPAAKSHA MANDIR AT HAMPI

हंपी का प्राचीन विरुपाक्ष मंदिर 

VIRUPAKSHA TEMPLE, HAMPI

सातवे दशक में हंपी के वैभवशाली राज्यमे बनाया गया विरुपाक्ष  मंदिर की पहचान भारत का सबसे पुराना और सदियोंसे पूजापाठ होते आ रहा मंदिर ऐसी होती है ! तुंगभद्रा के दक्षिण किनारेपे बसा ये शिव मंदिर उसकी विशालता और नौ मंजिल गोपुरोंकी ( स्तंभ ) वजह से दुनियाभर में मशहूर है ! ये बहूत ही पवित्र तीर्थस्थल है और हर साल यहाँ मनाये जानेवाले उत्सवोंमें लाखोंकी तादाद में भाविक और पर्यटक आते है !

हंपी के वैभवशाली राज्यके इतिहास से इसकी डोर बंधी हुयी है ! इस मंदिर के बारेमे अनेक कहानियां आजभी सुनायी जाती है ! सातवे दशक के इस मंदिर में शुरुवात में यहाँ कुछ समाधीस्थल थे और उनकी पूजा होती थी !  उसके बाद इस मंदिर का विस्तार होते चला गया और यहाँ देवदेवताओंकी मुर्तीया बसायी गयी तथा पत्थरोंके भव्य मंदिर, गोपुर और उसके ऊपर तराशके शिल्प बनाये गये !  ध्वजस्तंभ, दीपस्तंभोके साथ साथ सभामंडप, रंगमंडप ऐसे भव्य मंडप भी बनाये गये ! यहाँ प्रसाद के लिए भव्य रसोईघर भी है !

पूर्व गोपुरसे अंदर प्रवेश करने के बाद मंदिर की मुख्य बनावट नजर आती है ! मंदिर में शिवलिंग है और उसकी दायी ओर तीनमुखोंवाला नंदी है ! मंदिरोंके स्तंभ तराशे हुये है !   नंदी के बाजूवाले दिवारपर हंपी का बड़ा नक्शा है ! १५१० में राजा कृष्णदेवराय ने बनाया हुआ तीन मंजीलोंका टावर आज भी सहीसलामत है ! मुख्य मंदिर के दरवाजेपर आँठ फुट के दो द्वारपाल है और अंदर की जगह शिवलिंग है ! वहां भी पंपा और भुवनेश्वरी देवी की सुन्दर मुर्तीया है !  

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