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१८ वीं शताब्दी में जहाँ जर्मनी मे आधुनिक वनसंवर्धन शुरू हो गया वही एक तरफ दिलचस्प पुस्तकालय का विकास भी प्रारंभ हो गया ! उत्साही लोगों ने जंगल की लकडीयों के विभिन्न नमुने जमा करना शुरु कर दिया था, परंतु सरल ब्लोक के बजाय उन्होंने किताबों के आकार मे उन्हें संग्रहित किया ! इन लकड़ी के "पुस्तकों" को खोखले डिब्बे में प्रकट करने के लिए खोला जा सकता है जिनमे वनस्पति नमूने के रूप मे पेड़ के पत्ते, बीज, अखरोट, टहनियाँ, फल, फूल, जड़ और छाल के टुकड़े रखे गए थे ! कुछ मामलों में, पेड़ के लिखित वर्णन और उनके ग्रस्त रोगों को भी शामिल किया गया था ! एक नियमित पुस्तकालय मे "पुस्तकों" को अलमारियों में व्यवस्थित रखा गया है, जिनके उपर लेबल भी लगाए गए है !
दुनिया भर में कई अच्छी तरह से जंगल की लकडीयों के पुस्तकालय संरक्षित हैं ! जिनमे सबसे बड़ा येल विश्वविद्यालय है जिसमें सैमुअल जेम्स रिकॉर्ड संग्रह है, जिसमे ६०,००० से भी ज्यादा जंगल के विभिन्न जंगल की लकडीयों के संस्करण हैं ! दूसरा सबसे बड़ा सेंट्रल अफ्रीका के रॉयल संग्रहालय का झायलोथेक्व है ! बेल्जियम के टर्वुरेन में ५७,००० से अधिक नमूने हैं ! हैम्बर्ग में थुनेन इंस्टिट्यूट ऑफ वुड रिसर्च में ३७,००० से अधिक नमूने हैं !
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