ऑस्ट्रेलिया के दक्षिणी टास्मानिया के समुद्री तटोंपर चट्टानों के अद्भुत स्तंभ बने हुए है जो समुद्र की सतह से ३०० मीटर तक फैले हुए है ! इन चट्टानों के विशिष्ट लंबे आकार और हेक्सागोनल ( षटकोन ) स्तंभों की वजह से भूवैज्ञानिक इन्हे डोलेराईट ( ज्वालामुखी की वजह से बनी चट्टाने ) कहते हैं !
डोलेराईट का निर्माण तब होता है जब पिघली हुई चट्टानों को पृथ्वी के गहरे किनारे से धकेल दिया जाता है, जिसकी वजह से वे जल्दी ठंडे हो जाते है ! स्फटिक रुप से घने होने के कारण वह चट्टाने क्रिस्टल की तरह चमकने लगती है ! जब ठंडे होने की मात्रा सही हो तो यह चट्टाने सिकुड जाती है और इनमे दरारे तयार हो जाती है ! यही दरारे चट्टानों को अंदर से ठंडक पहुचाती है जिसके परिणाम स्वरुप और दरारे तयार हो जाती है ! अंत मे, आपको लंबे ऊर्ध्वाधर और सममित दरारें वाले पांच या छह तरफा स्तंभ इन चट्टानो मे पाए जाते है ! यह स्तंभ केवल कुछ सेंटीमीटर व्यास में कई मीटर से अधिक हो सकते हैं !
टास्मानिया में ये प्रभावशाली डोलेराइट स्तंभ ज्युरासिक काल में गठित होने की संभावना है ! करीब 185 मिलियन साल पहले एक विशाल ज्वालामुखी के घटना के दौरान इन डोलेराईट स्तंभो मे टास्मानिया के एक तिहाई क्षेत्र को आच्छादित किया था ! यह स्तंभ वास्तव में ऑस्ट्रेलिया से टास्मानिया और आगे अंटार्कटिका तक का ४००० किमी लंबे विस्तार का एक निरंतर गठीत हिस्सा हैं !
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