"छह भूकंप और बडी आग का मुकाबला करके भी प्राचीन पेरिया कोविल ( बृहदेश्वर ) शिव मंदिर आज भी मजबुतीसे बडीथाट से खडा है !"
तामिलनाडु के तंजावर का प्राचीन पेरिया कोविल या बृहदेश्वर शिव मंदिर को युनेस्को ने विश्व धरोहर सुची मे शामिल किया है ! यह मंदिर कई मायनो मे खास है ऐसा कह सकते है ! पुरे भारत मे यह सबसे उंचे चोटीवाला मंदिर है तथा अप्रतिम वास्तूशिल्प रचना के लिये दुनियाभर मे मशहूर है ! इसकी विशेषता यह है की छह दफा भूकंप और बडी आग का मुकाबला करने के बाद भी यह मंदिर मजबुतीसे बडी थाट मे खडा है ! इस मंदिर का निर्माण १०१० साल मे चौल राजघराणे के शासन मे किया गया है, यानी यह मंदिर १००७ साल पुराना है !
चौल शासक राजाराम चौल ( पहला ) ने बनाया हूआ यह मंदिर चौल राजघराणे के वैभव की गवाही देता है ! कावेरी नदी के तट पर निर्माण किए हुए इस मंदिर की स्थापत्यशैली अनुठी है ! यह मंदिर कई मायनो मे वैशिष्ट्यपूर्ण है ऐसा कह सकते है ! इस मंदिर के आसपास कोई पत्थर नही है फिर भी इस मंदिर का निर्माण ग्रॅनाईट के पत्थरोसे किया गया है ! इस मंदिर के निर्माण को लगनेवाले पत्थर करीबन ५० किमी के दुरी से लाये गये होंगे ऐसा कहते है ! इस मंदिर के चारोंतरफ घेरा है ! मंदिर की चोटी २१६ फिट उंची है जो भारत के ही नही दुनियाभर के मंदिरो के चोटीयो मे सबसे उंची है ! मंदिर बनवाते समय कही भी सिमेंट चुने का इस्तेमाल नही किया गया है ! इंटरलॉकींग से पत्थर को पत्थर पे सेट किया गया है ! मंदिर के प्रवेशद्वारपर स्थित नंदी १६ फिट लंबा, १३ फिट उंचा है उसिके साथ उसे एक ही पत्थर मे निर्माण किया गया है ! मंदिर का शिवलिंग भी विशाल आकार का है और उसकी उंचाई ३.७ मीटर है !
शिवलिंग का संपूर्ण दर्शन दुसरे मंजिल से ले सकते है ! मंदिर मे हजारो मुर्तीया तराशी गयी है ! मंदिर का निर्माण करनेवाले राजा राजाराम बडे शिवभक्त तथा महापराक्रमी थे ! केवल दक्षिण भारत पे ही नही बल्की श्रीलंका, मलाया, मालदीव तक उनका राज्य फैला हूआ था ! श्रीलंका का राज्याभिषेक उनको किया गया था ! उनको सपने महादेव ने मंदिर निर्माण का आदेश दिया और उनके मुताबिक यह मंदिर बनाया गया ऐसा कहा जाता है ! इस मंदिर मे समय समय पे की जानेवाली पुजा, भगवान के वस्त्र, जवेरात, इस्तमाल किये जानेवाले फुल इस संदर्भ मे कई नियम राजाने बनाये थे और वह इन पत्थरोन्मे तराशे हुए है ! चौल घराणे के बहोत से मंदिर कावेरी की तटपर बनाये हुए मगर यह मंदिर कुछ खास है ! यहाँ पर्यटकोंकी भीड सालभर चलती रहती है !
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