हंपी - विजयनगर साम्राज्य का बीता हुआ कल HAMPI - CAPITAL OF VIJAYNAGAR EMPIRE

HAMPI


हंपी - तुंगभद्रा नदी के किनारे पर बसा किसी एक जमाने का वैभवशाली शहर और विजयनगर साम्राज्य की राजधानी ! १५ वी सदी इस राजधानी मे आये हुए पर्शियन राजदूत ने इसका वर्णन लिखकर रखा है ! वह कहता है आजतक कभी कल्पना नही की थी और ना ही कभी देखी थी ऐसी यह नगरी ! पुरी दुनिया मे इसका कोई मुकाबला नही है ! बिते हुये सुनहरे समय की सारी निशाणीया लेकर आज भी यह शहर बडी थाट से खडा है ! इसके अवशेषोंको विश्व धरोहर का दर्जा दिया गया है और इस वजह से उनका अच्छी तरह से जतन भी किया गया है ! 

हरिहर और बुक्क इन दो भाईयो ने निर्माण किए हुये विजयनगर के साम्राज्य का वर्णन सुनहरा साम्राज्य ऐसे भी कर सकते है ! बहोतही सुंदर, फैले हुए रास्ते, विशाल मंदिरे, धर्मशाला, किले, हमामखाना, नहर, हस्तीशाला, घोडोंका तबेला, सुंदर और माल से भरे बाजार, तराशे हुए स्तंभ इन सबसे सजा हुआ यह साम्राज्य ! यह दोनो भाई बडे ही पराक्रमी और बहोत ही अभिमानी थे ! पृथ्वीपर उपलब्ध सारी चीजे इस बाजार मे मिलती है ऐसी इसकी पहचान थी ! कस्तुरी, हिरे, मोती,, माणिक, सिल्क, जरी और घोडे ऐसे कई चीजोंकी लेनदेन यहाँ की जाती थी ! उसके लिये देश परदेस से व्यापारी यहाँ आया करते थे ! अब ये सारा ढुंढ सकते है इन टुटे हुए अवशेषो मे, मगर कल्पनाशक्ती अच्छी हो तो आज भी यह वैभव सरलता से देखा जा सकता है ! 

अभी केवल बेजान पत्थर बनके रह गये इन जगहोन्मे घुमना यानी बीते हुए वैभवशाली काल के निशाण खोजते हुए शांतीसे किया हुआ सफर कह सकते है ! कई महत्वपूर्ण इमारते दो हिस्सोन्मे बटी हुई है ! रॉयल सेंटर और धार्मिक सेंटर, यहाँ के टुटे हुये अवशेष बीते हुए वैभव का आईना दिखाने के लिए काफी है ! जितनी बार यहाँ यात्रा करते है कु्छ नया अनुभव प्राप्त होता है ! यहाँ के हर एक अवशेषोन्मे एक कथा समायी हुई है ! पत्थर के रथ, विठ्ठल मंदिर, राजमहल, राणीमहल, कमलमहल, पुष्कर्णी, हजराराम मंदिर, विरूपाक्ष मंदिर, लक्ष्मी नरसिंह मंदिर, गणेश प्रतिमा इन सब के दर्शन मात्रसे दिल मे दर्द छलकता है !

हंपी मे रहने के प्रबंध नही है मगर इस शहर से करीब होस्पेट गांव है रहने के सुविधा हो जाती है ! यहाँ से हंपी जाने के लिये  वाहन मिल जाते है ! गाईड की मदत से हंपी देखना कभी भी फायदेमंद साबित होता है ! यहाँ के विठ्ठल मंदिर मे म्युझिकल पिलर्स है जिसमें से संगीत की ध्वनी सुनाई देती है जब की स्तंभ पत्थरोंके बने हुए है ! 


BADAMI CAVES - HAMPI


चार पुरातन गुफाओन्मे तराशी हुई बदामी गुंफा बडी देखनेलायक जगह है, अगर आपका हंपी जाना हुआ तो अवश्य बदामी गुफा की यात्रा करना ! रस्ट रेड सँडस्टोन मे की ये गुफाये बहोत ही उतार चढाव भरी है, इसमेंसे तिसरी गुफा बहोत ही बडी है ! ये गुफा श्रीहरि विष्णु को समर्पित है और यहाँ १८ हाथोंवाला नटराज भी है ! नृत्य की ८१ अलग अलग मुद्रा दिखानेवाले यह शिल्प ! पहली गुफा मे अगस्त तीर्थ सरोवर और उसके किनारे पे भूतनाथ मंदिर है ! यहाँ से नजदिक बनशंकरी है !

बनशंकरी यह पार्वतीका ही रुप है और यह मंदिर द्रविड प्रकार का है ! अष्टभुजा और व्याघ्रेश्वरी स्वरुप की यह देवी है ! यहाँ हिरदा नामक तालाब भी है ! बदामी मे रहकर पडक्कल भी देखना चाहिए ! विश्व धरोहर सुची मे शामील पडक्कल चालुक्य वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है ! चालुक्य राजा का जहाँ राज्याभिषेक हुआ ऐसी मलप्रभा नदी के तटपर स्थित यह जगह ! खास रचनात्मक बनायी हुयी दस मुख्य मंदिरे यहाँ है ! आठवी सदी का जंबुलिंग, कडासिध्देश्वर और सबसे बडा बहोत ही विशाल विरुपाक्ष मंदिर यहाँ है ! विशाल प्रवेशद्वार, शिलालेख और पुराण के कई प्रसंग तराशे हुए है ! ७३५ एडी मे राजा विक्रमादित्य और पल्लवो मे जो युद्ध हुआ था, उसमे पल्लवोंपर राजा विक्रमादित्य की जीत मे राणी लोकेश्वरी का बडा योगदान था ! जिसकी कथाए वहाँ आज भी सुनाई जाती है !

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