CHITKUL VILLAGE – HIMACHAL PRADESH

चितकुल गांव – हिमाचल का बहोत ही खुबसुरत गांव ( CHITKUL VILLAGE – HIMACHAL PRADESH ) 


CHITKUL VILLAGE, HIMACHAL PRADESH

हिमाचल प्रदेश की राजधानी सिमला से २५० किलोमीटर पे कुदरत की असीम खुबसुरती से सजा चितकुल ( छिटकुल ) यह गांव समुद्रीसतह से ३४५० मीटर की उंचाई पर बसा है ! यह गांव हिमाचल प्रदेश और तिब्बत की सीमापर का आखिरी गांव माना जाता है ! नायाब खुबसुरतीसे सजा यह गांव ज्यादा भीडभाड वाला न होने के कारण यहा की कुदरत काफी खिलखिलाती हुयी और अनछुहीसी रह गयी है ! किन्नौर जिले के बास्पा नदीके बाये तटपर यह गांव बसा हुआ है ! इसे किन्नौर का मुकुट भी कहा जाता है ! हिमालय की बर्फिली चोटीया, चारो दिशासे बहते झरने और हरियाली इस गांव की पहचान है ! 

यहाँ जाने के लिये दुर्गम घाट, तेढामेढा खतरनाक रास्ता तय करना पडता है मगर एकबार इस गांव मे पहुचते ही सारी थकावटे एक पल मे दूर हो जाती है ऐसा अनुभव पर्यटक और ट्रेकर्स भी बया करते है ! यहाँ की स्थानिक देवी माथी है और उसके तीन मंदिर यहाँ है ! सिमला जाते समय परबत की ओर रुख करते वक्त शिवालिक पर्वत शृंखलाओंका मनोहारी दर्शन पलपल होते रहता है ! रास्ते मे लगने वाले नारकुंड से ५ किलोमीटर पे हाटू मंदिर है ! ३४०० मीटर उंचाई पे स्थित यह मंदिर देवदार के घने झाडीयो मे बसा है ! लकडी से बनाया यह मंदिर रावण की पत्नी मंदोदरी का है ऐसा यहा के स्थानिक लोगोंका कहना है ! यहाँ से हाटू पीक जा सकते है ! इस पीक पर जाते ही बादलोंके झुंड के झुंड बदन पे आते है और हम आसमान मे घुम रहे है ऐसा प्रतीत होता है ! 

इस राहपर के खतरनाक रास्ते वाहनचालक के लिये एक तरह से चुनौती समान है ! रक्छाम से १० किलोमीटर की दुरीपर चितकुल है ! यहा ट्रेकर्स पैदल जाते है ! यहाँ नजदिक मे कामरू गांव है जहाँ १५ वी सदी मे बनाया हुआ किला है ! यहाँ कामाख्या देवी का मंदिर है ! किले और मंदिर की लकडीयोंपर किया हुआ खुदाई काम लाजवाब है ! चितकुल जाने के लिये एप्रिल से जुन मध्य और जुन से ओक्टोबर तक का समय बहोत ही सुहाना होता है ! यहा रहने की और खानेपिनेके अच्छे प्रबंध है !

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