भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग – महाराष्ट्र मे है या आसाम मे ( BHIMASHANKAR JYOTIRALING – MAHARASHTRA OR ASSAM )
महादेव शिव के १२ प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंगो मे से पुना ( Pune ) से नजीक स्थित भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग ( Bhimashankar Jyotirlinga ) बहोत मशहूर है ! मगर आसाम के लोगोंके अनुसार यह ज्योतिर्लिंग असली नही है क्योंकी भीमाशंकर का ज्योतिर्लिंग आसाम के गुवाहाटी के पासवाले पहाडो मे घने जंगलो मे स्थित है ! उनके इस दावे के लिये वह शिवपुराण को सबुत के तौर पर रखते है ! आसाम का राजा शंकरदेव विष्णु भक्त था और इस वजह से उसके कार्यकाल मे राज्य मे शिवभक्ती मे कमी आयी ! इस कारण इस ज्योतिर्लिंग को सब भुल गये ऐसा उनका कहना है !
इस लिंग का दर्शन लेना हो तो कामरूप मतलब आसाम की देखने लायक पर्वत शृंखलाओंको लांघकर जंगल के निर्जन स्थल पे जाना पडता है ! यहा भोलेनाथ भव्य रूप मे नदिके बिचोबिच विराजमान है ! इस लिंगपर २४ घंटा जलाभिषेक होते रहता है और बारिश के मौसम मे तो वह नदि मे डुब जाता है ! यहा आदिवासी पुजारी है और वो रोजाना बिना किसी शोरशराबे के यहा पूजा और प्रार्थना करते है ! काशीके कई संत और शिवभक्त यहा आके साधना करते है ! शिवपुराण मे जिस तरह वर्णन किया है यह जगह उसी तरह है !
इसके पिछे की कहानी कुछ इस तरह की है, भीम नाम का राक्षस इस जंगल मे अपनी मां के साथ रहता था ! उसने अपनी मां से पुछा की मेरे पिता कौन है और उन्होने हमे इस तरह जंगल मे क्यों छोड दिया, तब उसकी मां ने बताया की तेरे पिता लंकाधिपती रावण के भाई कुंभकर्ण है ! श्री विष्णु ने राम अवतार लेके राम रावण युद्ध मे कुंभकर्ण का वध किया ये भी बताया ये बात सुनकर भीम ने विष्णुसे बदला लेने के ठाण ली और ब्रम्हा की कडी तपस्या करके उनसे वर पा लिये !
उसकेबाद क्रोध की ज्वाला मे जल रहे भीम ने त्रिभुवन मे हाहाकार मचा दिया ! इंद्र का पराभव करके स्वर्ग जीत लिया और कामरूपेश्वर के पास के शिवलिंग को तलवार से तोडने की कोशिश करने लगा तब महादेव प्रगट हुये और भीमसे युद्ध करके उसकी राख बना दि ! उसकी याद हमेशा रहे इसलिये महादेव भीमाशंकर रूप लेके वहा हमेशा के लिये रहने लगे ऐसा माना जाता है !
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