सुर्तेसी यह छोटासा द्वीप आईसलॅंड के दक्षिणी तट से करीबन ३० किलोमीटर की दुरीपर स्थित है ! यह दुनियां की सबसे कम उम्र वाले द्वीपो में से एक है जो पचास साल से भी अधिक उम्रका है !
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सुर्तेसी के आकर्षक जन्म के गवाह एक ट्रॉलर के चालक दल थे जो आसपास नौकायन कर रहे थे ! कुछ दुरीपर काले धुए के स्तंभ को देखते हुए उन्होने सोचा की किसी नाव को आग लग गई होगी और उन्होने अपने जहाज को जांच का आदेश दिया ! मगर उसके बजाए उन्हे वहा उभरता हुआ द्वीप दिखाई दिया ! कुछ दिनो मे द्वीप की लंबाई ५०० मीटर से अधिक और उंचाई ४५ मीटर तक पहुंच गई थी !
सुर्तेसी द्वीप का नाम नॉर्वेजियन पौराणिक कथा के अनुसार आग की देवता सुर्तुर के नाम पर रखा गया था ! यह द्वीप दिखाई देने के तीन हफ्तों से भी कम समय पहले तीन फ्रेंच पत्रकारों की एक टीम ने सुलगनेवाले चट्टान पर पैर रखने की हिम्मत की, मगर हिंसक विस्फोट से पंद्रह मिनट पहले ही उन्होने उस द्वीप को छोड़ दिया था ! सौभाग्य से फ्रेंच ने द्वीप पर दावा करने की कोशिश नहीं की, हालांकि पत्रकारों ने इसके बारे में मजाक उडाया था ! चीजों को अधिक गंभीर और राजनीतिक होने से पहले, आईसलॅंड ने जल्दी से नए द्वीप पर नियंत्रण पर जोर दिया !
इस बीच ज्वालामुखी फूटना जारी रहा और द्वीप बढ़ता चला गया ! आखिरकार ५ जून १९६७ को जब विस्फोट अंततः रूक गया तो यह द्वीप २.७ वर्ग किलोमीटर के आकार का हो गया था ! इसका उच्चतम बिंदु समुद्र सतह से १७४ मीटर ऊपर था, हालांकि विस्फोट के अंत के बाद द्वीप के आकार में कमी आई है ! द्वीप ज्यादातर ज्वालामुखीय चट्टान के ढीले ढेर के बने होते हैं जिसे टाफ्रा कहा जाता है, जो उत्तर अटलांटिक द्वारा तेजी से नष्ट होते जा रहे है ! सन २०१२ तक इसकी सतह का क्षेत्र आधा हो गया है और इसकी अधिकतम ऊंचाई 155 मीटर तक गिर गई है ! इस बात को मद्देनजर रखते हुए द्वीप १०० साल तक रहने की उम्मीद है ! हालांकि वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि कटाव की दर वर्षों से धीमी होनी चाहिए क्योंकि द्वीप के कठोर मुख्य लावा प्रवाह से बने हुए है ! इस वजह से यह द्वीप कई शताब्दियों तक जीवित रह सकता है !
जिस तरह से पौधे और पक्षियों द्वारा सुर्तेसी द्वीप पर धीरे-धीरे उपनिवेश करने लगे तो यह वैज्ञानिकों के लिए एक आकर्षण का विषय बन गया ! सन १९६५ के वसंत ऋतु में पहले संवहनी पौधों के किनारे पर बढ़ने लगे थे ! अगले वीस वर्षों में पौधों की कुछ बीस प्रजातियां वहां देखी गईं, लेकिन केवल लगभग आधी प्रजातिया पोषक तत्वो के अभाव से रेतीले मिट्टी में बची हुई थी ! एक बार पक्षियों ने द्वीप पर आना शुरू कर दिया और उनके घोंसले के टुकड़े को मिट्टी में निषेचित किया और अधिक पौधों को जीवित करना शुरू कर दिया था ! सन २००८ तक सुर्तेसी में ६९ प्रजातियां थीं इनमें से श्लेष्म और लाइचेन अधिकांश पौधों का जीवन बनाते हैं ! लेकिन समुद्र, हवा और पक्षियों के माध्यम से द्वीप पर आने वाली नई प्रजातिया प्रति वर्ष लगभग २ से ५ की एक विशिष्ट दर से होती है !
सुर्तेसी भी पशु जीवन से भरा हुआ है ! बारह प्रजातियां अब नियमित रूप से इस द्वीप पर पायी जाती है जिसमे फ़ुलमार, गिलमॉट, गल और अटलांटिक पफिन शामिल है ! पलायन करने वाले पक्षी भी सुर्तसी को एक रुकने वाली जगह के रूप में इस्तेमाल करते हैं ! द्वीप के उत्तरी किनारे पर सील की उपस्थिति अक्सर देखी जाती है ! सुर्तेसी पर कीटंको की प्रजातियां सैकड़ों में होती हैं, जिसमे स्लग, मकड़ियों और बीटल शामिल हैं !
मानवीय हस्तक्षेप के बिना द्वीप के जीवविज्ञान को स्वाभाविक रूप से विकसित होने के लिए बहुत कम लोगों को द्वीप पर उतरने की अनुमति दी जाती है ! एक बार कुछ युवा लड़कों ने द्वीप पर आलू विकसित करने का प्रयास किया जिसे तुरंत खोजकर नष्ट कर दिया गया ! एक बार बिना अनुमति के अवैध तरीके से द्वीप पर डेरा डालने वाले शोधकर्ताओं ने मानव शौच के परिणामस्वरूप एक टमाटर पौधे का जड़ पैदा करने की कोशिश की उसे भी नष्ट कर दिया गया था !
सन १९६५ के बाद से सुर्तेसी एक प्रकृति आरक्षित द्वीप है और यूनेस्को की विश्व धरोहर सुची मे उसे शामिल कर दिया गया है !
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