एक विशाल उल्का जर्मनी के बवेरिया के इलाके मे दुर्घटनाग्रस्त हो गया था जिसकी वजह से एक गड्ढा बन गया, उस गड्ढे के बीच मे नॉर्डिंगेन शहर केंद्रित है !
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सालों से यही माना जा रहा था कि शहर के बीच में उथले अवसाद एक ज्वालामुखीय गड्ढा है ! फिर सन १९६० में दो अमेरिकी वैज्ञानिक, यूजीन शूमेकर ( धूमकेतु शुमेकर-लेवी ९ के लिए मशहूर ) और एडवर्ड चाओ ने साबित कर दिया कि वास्तव इसकी निर्मिती उल्कामी प्रभाव के कारण हुई है ! जबकि नॉर्डिगेन शहर में एक चर्च का दौरा करते समय शुमेकर ने कथित तौर पर यह खोजने के लिए चर्च की दिवारों को खरोंचा कि यह कैसी बनी हुई है और वह पलभर के लिए यह देखकर हैराण हो गया ! क्योंकी उस दिवार की चट्टाने इस तरह की चट्टाने थी जिन्हे केवल सदमे दबावों से ही बनाया जा सकता है, जो आमतौर पर उल्कामी प्रभाव से जुड़ा होता है ! चट्टानो की अजीब संरचनाओं के बाद अन्वेषण ने निर्णायक रूप से स्थापित किया था कि गड्ढा एक उल्का प्रभाव के कारण हुआ है !
नॉर्डिगेन केंद्र से ४२ किलोमीटर पर स्टेनहेम के पश्चिम-दक्षिण मे और एक उल्का प्रभाव से बना ३.८ किलोमीटर का केंद्र पाया गया है ! माना जाता है कि ये दो उल्का प्रभाव से बने केंद्र लगभग एक साथ बने हैं !
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