विश्व में अनेकों सूर्य मंदिर हैं पर हम आप को आज भारत के उन नौ सूर्य मंदिरों के बारे में बताने जा रहे हैं ! ये मंदिर अपनी भव्यता और अनोखी महिमा के लिये प्रसिद्ध हैं !
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सूर्य मंदिर, मोढ़ेरा : ये मंदिर गुजरात के मोढ़ेरा में स्थित है ! यह मंदिर अहमदाबाद से लगभग १०० किलोमीटर की दूरी पर स्थित है ! इस मंदिर का निर्माण सम्राट भीमदेव सोलंकी प्रथम ने करवाया था ! यहां पर इसके संबंध में एक शिलालेख भी मिलता है ! वे सूर्य को कुलदेवता के रूप में पूजते थे ! मंदिर के गर्भगृह के अंदर की लंबाई ५१ फुट ९ इंच तथा चौड़ाई २५ फुट ८ इंच है ! मंदिर के सभामंडप में कुल ५२ स्तंभ हैं ! इस मंदिर का निर्माण कुछ इस तरह किया गया था कि जिसमें सूर्योदय होने पर सूर्य की पहली किरण मंदिर के गर्भगृह को रोशन करे ! सभामंडप के आगे एक विशाल कुंड स्थित है जिसे लोग सूर्यकुंड या रामकुंड के नाम से जानते हैं !
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कोणार्क सूर्य मंदिर : ओडिशा राज्य मे पुरी के निकट कोणार्क का सूर्य मंदिर स्थित है ! कोणार्क सूर्य मंदिर सूर्य देवता को समर्पित है ! रथ के आकार में बनाया गया यह मंदिर भारत की मध्यकालीन वास्तुकला का अनोखा उदाहरण है ! इस सूर्य मंदिर का निर्माण राजा नरसिंहदेव ने १३ वीं शताब्दी में करवाया था ! हिन्दू मान्यता के अनुसार सूर्य देवता के रथ में बारह जोड़ी पहिए हैं ! रथ को खींचने के लिए उसमें ७ घोड़े जुते हुए हैं ! ऐसा शानदार मंदिर विश्व में शायद ही कहीं हो ! यहां की सूर्य प्रतिमा पुरी के जगन्नाथ मंदिर में सुरक्षित रखी गई है ! सूर्य मंदिर समय की गति को भी दर्शाता है, जिसे सूर्य देवता नियंत्रित करते हैं ! पूर्व दिशा की ओर जुते हुए मंदिर के ७ घोड़े सप्ताह के सातों दिनों के प्रतीक हैं !
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मार्तंड सूर्य मंदिर : मंदिर जम्मू काश्मीर राज्य के पहलगाम से निकट अनंतनाग में स्थित है ! इस मंदिर का निर्माण मध्यकालीन युग में 7वीं से 8वीं शताब्दी के दौरान हुआ था ! सूर्य राजवंश के राजा ललितादित्य ने इस मंदिर का निर्माण एक छोटे से शहर अनंतनाग के पास एक पठार के ऊपर किया था ! इसमें ८४ स्तंभ हैं जो नियमित अंतराल पर रखे गए हैं ! मंदिर की राजसी वास्तुकला इसे अलग बनाती है ! बर्फ से ढंके हुए पहाड़ों की पृष्ठभूमि के साथ केंद्र में यह मंदिर करिश्मा ही कहा जाएगा ! इस मंदिर से कश्मीर घाटी का मनोरम दृश्य भी देखा जा सकता है ! कारकूट वंश के राजा हर्षवर्धन ने ही २०० साल तक सेंट्रल एशिया सहित अरब देशों में राज किया था !
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बेलाउर सूर्य मंदिर : इस मंदिर का निर्माण राजा सूबा ने करवाया था बाद मे बेलाउर गांव में कुल ५२ पोखरा तालाब का निर्माण कराने वाले राजा सूबा को राजा बावन सूब के नाम से पुकारा जाने लगा ! बिहार के भोजपुर जिले के बेलाउर गांव के पश्चिमी एवं दक्षिणी छोर पर अवस्थित वेलाउर सूर्य मंदिर काफी प्राचीन है ! राजा द्वारा बनवाए ५२ पोखरो मे एक पोखर के मध्य में यह सूर्य मन्दिर स्थित है ! यहां छठ महापर्व के दौरान प्रति वर्ष एक लाख से अधिक श्रद्धालु आते है जिनमे उत्तर प्रदेश एवं मध्य प्रदेश के श्रद्धालु भी होते हैं ! ऐसा कहा जाता है कि सच्चे मन से इस स्थान पर छठ व्रत करने वालों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती है तथा कई रोग-व्याधियों से भी मुक्ति मिलती है !
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झालरापाटन सूर्य मंदिर : झालावाड़ का दूसरा जुड़वा शहर झालरापाटन को सिटी ऑफ वेल्स यानी घाटियों का शहर भी कहा जाता है ! शहर में मध्य स्थित सूर्य मंदिर झालरापाटन का प्रमुख दर्शनीय स्थल है ! वास्तुकला की दृष्टि से भी यह मंदिर अहम है ! इसका निर्माण दसवीं शताब्दी में मालवा के परमार वंशीय राजाओं ने करवाया था ! मंदिर के गर्भगृह में भगवान विष्णु की प्रतिमा विराजमान है ! इसे पद्मनाभ मंदिर भी कहा जाता है !
औंगारी सूर्य मंदिर : नालंदा का प्रसिद्ध सूर्य धाम औंगारी और बडग़ांव के सूर्य मंदिर देश भर में प्रसिद्ध हैं ! ऐसी मान्यता है कि यहां के सूर्य तालाब में स्नान कर मंदिर में पूजा करने से कुष्ठ रोग सहित कई असाध्य व्याधियों से मुक्ति मिलती है ! प्रचलित मान्यताओं के कारण यहां छठ व्रत करने बिहार के कोने-कोने से ही नहीं, बल्कि देश भर के श्रद्धालु यहां आते हैं ! लोग यहां तम्बू लगा कर सूर्योपासना का चार दिवसीय महापर्व छठ संपन्न करते हैं ! कहते है कि भगवान कृष्ण के वंशज साम्ब कुष्ठ रोग से पीड़ित था ! इसलिए उसने १२ जगहों पर भव्य सूर्य मन्दिर बनवाए थे और भगवान सूर्य की आराधना की थी ! ऐसा कहा जाता है तब साम्ब को कुष्ठ से मुक्ति मिली थी ! उन्ही १२ मन्दिरो मे औगारी एक है !
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उन्नाव का सूर्य मंदिर : उन्नाव के सूर्य मंदिर का नाम बह्यन्य देव मन्दिर है ! यह मध्य प्रदेश के उन्नाव में स्थित है ! इस मन्दिर में भगवान सूर्य की पत्थर की मूर्ति है ! जो एक ईंट से बने चबूतरे पर स्थित है ! जिस पर काले धातु की परत चढी हुई है ! साथ २१ कलाओं का प्रतिनिधित्व करने वाले सूर्य के २१ त्रिभुजाकार प्रतीक मंदिर पर अवलंबित है !
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रनकपुर सूर्य मंदिर : राजस्थान के रणकपुर नामक स्थान में अवस्थित यह सूर्य मंदिर, नागर शैली मे सफेद संगमरमर से बना है ! भारतीय वास्तुकला का अनुपम उदाहरण प्रस्तुत करता यह सूर्य मंदिर जैनियों के द्वारा बनवाया गया था जो उदयपुर से करीब ९८ किलोमीटर दूर स्थित है !
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सूर्य मंदिर रांची : रांची से ३९ किलोमीटर की दूरी पर रांची टाटा रोड़ पर स्थित यह सूर्य मंदिर बुंडू के समीप है ७ संगमरमर से निर्मित इस मंदिर का निर्माण १८ पहियों और ७ घोड़ों के रथ पर विद्यमान भगवान सूर्य के रूप में किया गया है ! २५ जनवरी को हर साल यहां विशेष मेले का आयोजन होता है !
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