|
Photo Credit : wikipedia.org |
‘क्वीन ऑफ हिल्स’ के नाम से मशहूर दार्जिलिंग हमेशा से एक बेहतरीन हनीमून डेस्टिनेशन रहा है। कभी सिक्किम का हिस्सा रहे इस हिल स्टेशन की सबसे बड़ी खासियत है यहां के चाय बागान। दूर-दूर तक फैले हरी चाय के खेत मानो धरती पर हरी चादर बिछी हो। एक समय दार्जिलिंग अपने मसालों के लिए मशहूर था लेकिन अब चाय के लिए ही ये विश्वस्तर पर जाना जाता है। यहां स्थित प्रत्येक चाय उद्यान का अपना-अपना इतिहास और अपनी खासियत यहां के खूबसूरत और हरे-भरे चाय के बागानों से दुनियाभर में चाय निर्यात की जाती है लेकिन पश्चिम बंगाल के इस शानदार हिल स्टेशन की खूबसूरती सिर्फ इसके चाय बागान नहीं हैं बल्कि यहां की वादियां भी बेहद मनोहारी हैं।
|
Photo Credit : pinterest.com |
बर्फ से ढंके सुंदर पहाड़, देवदार के जंगल, प्राकृतिक सुंदरता, कलकल करते झरने सबका मन मोह लेते हैं। अपनी इसी खूबसूरती के कारण ही इसे ‘पहाड़ों की रानी’ कहा गया है और इसकी गिनती दुनियाभर के मशहूर और खूबसूरत हिल स्टेशनों में की जाती है। दार्जिलिंग की सैर शुरू होती है मशहूर टॉय ट्रेन से, जो पहाड़ियों और खूबसूरत वादियों के बीच से होते हुए गुजरती है। इसकी यात्रा के दौरान चाय के बागान, देवदार के जंगल, तीस्ता और रंगीत नदियों के संगम के खूबसूरत नजारे सैलानियों का मन मोह लेते हैं। बतसिया लूप से गुजरते समय ट्रेन यहां वृत्ताकार घूमती है और यात्रियों को 180 डिग्री के विस्तार में पहाड़ियां नजर आती हैं।
दार्जिलिंग की एक ओर मशहूर जगह है टाइगर हिल, जो शहर से लगभग 13 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहां से सूर्योदय का अद्भुत नजारा बेहद खूबसूरत दिखाई देता है। यही वजह है कि कंचनजंगा की पहाड़ियों के पीछे से सूर्योदय का सतरंगी नजारा देखने के लिए रोजाना देश-विदेश से आए पर्यटक यहां जुटते हैं। इतना ही नहीं, मौसम साफ रहने पर यहां से विश्व की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट भी दिखाई देती है। दार्जिलिंग में संजय गांधी जैविक उद्यान भी है, जहां रेड पांडा और ब्लैक बीयर समेत कई दुर्लभ प्रजाति के जानवर, पशु-पक्षी देखे जा सकते हैं। पर्यटक यहां साइबेरियन बाघ और तिब्बतियन भेड़िए को देखने का मजा भी ले सकते हैं। दार्जिलिंग में रंगीन वैली पैसेंजर रोपवे भी है, जो देश का पहला यात्री रोपवे है।
No comments:
Post a Comment