बेलओविज़ा - युरोप का आखरी अतिप्राचीन वन, BIALOWIEZA - EROUPE'S LAST PRIMEVAL FOREST

BIALOWIEZA FOREST
Photo Credit : wikipedia.org
मनुष्यों के आगमन से पहले पूर्वोत्तर यूरोप का अधिकांश मैदानी इलाका हजारों किलोमीटर तक फैले हुए जंगलों द्वारा घिरा हुआ था ! आज वे पुरी तरह से गायब हो गए है, सिर्फ कार्पेथियन और अन्य पहाड़ी क्षेत्रों के दूरदराज किनारों में कुछ खड़े पुराने वृक्ष और उनकी निशाणीया दिखाई देती है ! मगर पोलैंड और बेलारूस के बीच सीमा पर फैले हुए बेलओविज़ा वन इनमे एक अपवाद है !

बेलओविज़ा वन सिर्फ १,५०० वर्ग किलोमीटर तक फैला हुआ है और यह तलछटी यूरोप में अंतिम शेष अचल जंग का प्रतिनिधित्व करता है ! यह विशाल सजाना पेड़ों ( spruce tree ), ओक्स और राख के पेड़ों का घर है, जिसमें २०,००० से अधिक पशु प्रजातियों तथा यूरोप के सबसे भारी भूमि जानवर सहित, यूरोपीय बायसन ( जिसे बुद्धिमान भी कहा जाता है ) रहते है ! युरोपीय बायसन जो २० वीं सदी की शुरुआत में लगभग विलुप्त होने के कगार पे थे !

१४ वी सदी तक तत्कालीन पोलिश राजा ने बेलओविज़ा वन में सीमित शिकार की अनुमती दी थी ! मगर १५ वीं सदी तक वनों मे शिकारियों ने प्रवेश कर लिया था, और जब की पोलिश राजा व्लादिस्लॉ जगीलो खुद वहां शिकार के लिए गए थे ! वहाँ जंगल के बीच में राजा ने खुद एक लकड़ी का शिकार मनोर बनाया था ! लकड़ी के मनोर को सफेद रंग में चित्रित किया गया था जिसमें भावी गांव और जंगल के दोनों नामों का निर्माण किया गया था ! बेलओविज़ा का अर्थ पोलिश में "व्हाइट टॉवर" है !

पुराने समय मे जब यह जंगल राजा सिगिसंडुंड के कब्जे में था तब उसने एक हुक्मनामा जारी कर जंगलों में किसीको भी शिकार करनेपर रोक लगाई थी ! १७ वी सदी के अंत तक बेलओविज़ा वन अबाधित और कम आबादी वाला था, मगर जब स्थानीय लोहे के अयस्क खनन और टार का उत्पादन करने के लिए तब यहा कई छोटे छोटे गांवोंका निर्माण किया गया !  १८ वीं सदी के अंत में पोलैंड के विभाजन के बाद त्सार पॉल - १ ने बेलओविज़ा वन की सभी सुरक्षा को समाप्त कर दिया जिसके चलते यह जंगल फिर से बायसन शिकारीयों के हाथ चला गया ! सिर्फ १५ वर्षों में ही यूरोपीय बाइसन की संख्या ५०० से घटकर २०० तक पहुंच गई !

१८०० के दशक में राज्य के शीर्ष पर सत्ता में आने वाले प्रत्येक परिवर्तन के साथ वैकल्पिक रूप से "संरक्षित आरक्षित" से एक "शिकार भूमि" के रूप मे बेलओविज़ा वन तब्दील हो गया ! २० वीं सदी के मोड़ पर रूसी त्सार के नियंत्रण में, पूरे वन जंगली जानवरों के बड़े पैमाने पर शिकार के साथ शाही शिकार के लिए संरक्षित कर दिया गया था ! हज़ारों हिरण और जंगली सूअर मार दिये गए थे और १९२१ में अंतिम जंगली यूरोपीय बायसन को भी गोली मार दी गई थी !

सन १९२१ मे पोलिश - सोवियत युद्ध के अंत के बाद त्सार को उखाड़ फेंका गया और क्षेत्र का नियंत्रण वापस लिया गया ! बेलओविज़ा वन को राष्ट्रीय संरक्षित घोषित किया गया ! तब तक पुरी दुनिया भर मे बायसन की संख्या ५४ रह गई थी, जब की बेलओविज़ा वन मे एक भी नही था ! सन १९२९ मे पोलिश सरकार ने अलग अलग चिडियाघरों से चार बायसन खरीद कर उन्हें जंगल मे छोड दिया था ! सिर्फ दस सालो मे यहाँ बायसन की संख्या १६ हो गई थी ! जब सब कुछ क्रम में लग रहा था, तब दुसरा विश्व युद्ध प्रारंभ हुआ ! हिटलर ने जातीय आधारपर लोगोंको निकालने के साथ, बेलओविज़ा वन पोलिश और सोवियत दोनों पक्षियों के लिए शरणार्थी स्थान बन गया ! जंगलों में विद्रोहियों और नाजियों के बीच छिटपुट सशस्त्र संघर्ष हुआ ! मरने वालों की कब्र अभी भी जंगलो में देखे जा सकते  है !

युद्ध के बाद बेलओविज़ा वन को पोलैंड और सोवियत-नियंत्रित बेलोरूसियन एसएसआर के बीच विभाजित किया गया था ! सोवियत भाग को सार्वजनिक प्रशासन के तहत रखा गया था जबकि पोलैंड ने १९४७ में बेलओविज़ा राष्ट्रीय उद्यान को फिर से खोल दिया था ! सन १९९२ में सोवियत संघ के विघटन और बेलारूस गणराज्य के गठन के बाद आरक्षित वन को विश्व धरोहर सूची में लिखा गया था और संयुक्त रूप से दोनों देशों द्वारा संभाला जाता है !
BIALOWIEZA FOREST
Photo Credit : pinterest.com
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