जर्मनी के वुन्सडॉर्फ का त्यागा हुआ सोवियत शिविर, WUNSDORF SOVIET CAMP - GERMANY

wunsdorf
Photo Credit : bcd-urbex

वुन्सडॉर्फ यह छोटा शहर दक्षिण बर्लिन से करीबन 25 मील दुरीपर बसा है जहा ६,००० निवासियों के लिए घर है ! लेकिन तीस साल पहले इसकी साठ हजार आबादी थी, जिसमें से पचास हजार लाल सेना के सैनिक थे ! जो यूरोप के सबसे बड़े सैन्य अड्डे के अंदर रहते थे ! यह यूएसएसआर के बाहर लाल सेना का सबसे बड़ा सोवियत सैन्य शिविर था ! जर्मनी में सोवियत सेना के पूर्व मुख्यालय इतने बड़े थे कि उन्हे लिटिल मॉस्को कहा जाता था ! सोवियत राजधानी में रोजाना जाने वाली रेल गाड़ियों के अंदर स्कूल, दुकानें, अस्पताल और अवकाश सुविधाएं थी !

हालांकी दुसरे विश्व युद्ध के अंत में नाझी जर्मनी के पतन के बाद वुन्सडॉर्फ एक सोवियत सैन्य शिविर बन गया था ! लेकीन इस शहर का सैन्य इतिहास सत्तर साल या उससे पुराना है ! मूल रूप से यह प्रशिया की सेना की एक शूटिंग रेंज थी, जो सेना के बैरकों में दिखाई देने से पहले रेलवे लाइन के निर्माण के साथ पूरे क्षेत्र को सामरिक महत्व प्राप्त हो गया था ! जब सन १९१४ मे प्रथम विश्व युद्ध शुरू हुआ तो यह ६०,००० एकड़ का परिसर यूरोप का सबसे बड़ा सैन्य आधार बन गया था !

wunsdorf
Photo Credit : wikimedia common

सन १९३५ तक वुन्सडॉर्फ जर्मनी के नाझी एकिकृत सशस्त्र सेना वेहरमैट का मुख्यालय बन गया था ! हिटलर के नेतृत्व में वुन्सडॉर्फ एक शक्तिशाली सैन्य गढ़ बन गया था ! उन्होंने एक आधुनिक भूमिगत संचार केंद्र का निर्माण किया था जिसे ज़पेलिन कहा जाता है ! जिसकी दीवारें ३.२ मीटर की मोटी थी और ८० सेंटीमीटर की मोटी छतों के बमरक्षक बंकर के साथ कई ग्रामीण घरों मे फैली हुई थी ! 

वुन्सडॉर्फ नाझीयों के छोडे जाने के बाद सोवियत संघ में स्थानांतरित हो गया और प्रभावी ढंग से जर्मनी के दिल में एक शट-ऑफ सोवियत शहर बन गया ! स्थानीय लोगों को हटा दिया गया था और सभी सड़कों की वुन्सडॉर्फ के लिए यातायात बंद कर दि गई थी ! मूल निवासी के लिए वुन्सडॉर्फ निषिद्ध शहर बन गया था ! 

सन १९८९ मे बर्लिन की दिवार गिरने के बाद जर्मनी के एकिकरण और सोवियत युनियन के विघटन के बाद रुसी सैनिकों को वापस बुला लिया गया था ! जब वे निकल गए तो उन्होंने एक विस्तीर्ण जगह मे ९८,३०० राउंड गोला बारूद, ४७,००० ऑर्डनेंस, २९.३ टन हथियारों और उसका कुडा जिसमें रसायनों, अपशिष्ट तेल, पुराने रंग, टायर, बैटरी और एस्बेस्टोस पीछे छोड़ दिया था ! दुकानें इलेक्ट्रॉनिक्स, रेडियो, टीवी और फ्रिज से भरी हुई थीं ! परिवार इतनी जल्दी में निकल गए थे की वे अपने साथ सब कुछ नहीं ले जा सके थे, घर भी घरेलु उपकरणों से भरी पडी थी ! यहां तक ​​कि पालतू जानवर भी पीछे छोड़ दिए थे जिनके कंकाल अब फर्श भर में फैले हुए हैं ! 

आज यह पुरा परिसर उपेक्षा में सड़ रहा है ! कभी-कभी फोटोग्राफर्स तथा खंडित खंडहरो मे रुचि रखनेवाले यहा का दौरा किया करते है !

No comments:

Post a Comment