विल्हारिनो दा फर्ना : एक डुबनेवाला रोमन गांव VILARINHO DA FURNA : 2NG TOURISM POST

विल्हारिनो दा फर्ना नाम का एक पुराना गांव था जो उत्तरी पोर्तुगाल में ब्रागा जिले में टेरास डी बोरो नगर पालिका में स्थित था ! जिसे साल १९७२ मे एक बांध के निर्माण से हटा दिया गया था ! होम्म नदी पे बसा एक जलाशय भर गया और विल्हारिनो दा फर्ना गांव पानी के निचे चला गया ! जो अनंत काल के लिए नही था क्योंकी जलाशय का जल स्तर जब एक समय के लिए निचे उतरता है तब एक बार फिर इस गांव की भयानक इमारते फिर से उभर आती है !

Vilarinho da Furna

विल्हारिनो दा फर्ना गांव की तबाही अचानक से हो गयी थी मगर दिवारों की लिखावटे २ सदियो पुरानी है ! यह पुरानी कहानी है बड़े निगम को एक बड़ी परियोजना के लिए जमीन की आवश्यकता थी ! वे लोगों को उनके गांव से बाहर निकालकर उनके घरों को ध्वस्त करना चाहते थे ! इस मामले में बड़ी निगम पोर्तुगाल बिजली कंपनी थी जो बड़ी परियोजना यानी १२५ मेगावॅट के पनबिजली बांध का निर्माण करना चाहती थी !

Vilarinho da Furna village

बिजली कंपनीयों के हाथो दुनियाभर के सभी शहरो और गांवों को एक समान परिस्थिती सामना करना पडा था, मगर विल्हारिनो दा फर्ना गांव इन सब से अलग था ! यह गांव रोमन कार्यकाल मे २००० साल पहले बनाया गया था ! अभी तक इस गांव के इतिहास के बारे मे ज्यादा जानकारी उपलब्ध नही है मगर पुराने जमाने के कुछ खंडहर यहा आज भी पाए जाते है ! इन सब मे महत्वपुर्ण बात यह है की यहा तीन रोमन ब्रिज पाए जाते है ! जिस वक्त विल्हारिनो दा फर्ना गांव मे बाढ आई थी उस समय गांव मे ३०० रहीवासी थे ! उन्होने अपने साथ मुर्गियां, गाय, सूअर, भेड़ और बकरियां रखी थी ! पहाड़ी के ऊपर चरवाह भूमि थी मगर खेती लायक बहोत ही कम जमीन थी, इसलिये उन्होने घरों को एक साथ बनाया और उसके उपर एक ओर मंजिल बना दी !

Roman's Vilarinho da Furna village

इस गांव को साल १९६९ के शुरुवात मे खाली कर दिया गया था और बचे कुचे लोग साल १९७१ मे इस गांव से चले गए थे ! बिजली कंपनियों ने मुआवजे में इन लोगों को बहुत कम भुगतान किया जो जमीन के प्रति वर्ग मीटर के एक आधे एस्कुडो के बराबर था ! जो उस समय आधा सार्डिन खरीदने के लिए पर्याप्त था ! घर और संरचनाओं के लिए ५ एस्कुडो दर प्रति वर्ग मीटर पर तय की गई थी ! इस लिये लोग अपने साथ कुछ भी ले जा सकते थे, इसिलिए सिर्फ छत की टाईल्स और नंगी दिवारे पिछे रह गयी थी !

साल १९७२ के अंत मे होम्म नदी मे आए बाढ के कारण बांध की दिवारे ढह गई और हमेशा के लिए पुरा विल्हारिनो दा फर्ना गांव उस बाढ मे हमेशा के लिए बर्बाद हो गया ! विडंबना यह है की यह एक बांध का निर्माण था मगर बाढ मे बह गए विल्हारिनो दा फर्ना गांव को आज भी याद किया जाता है ! आज जब लंबे समय के लिए यह क्षेत्र मे सुखे से प्रभावित होता है तो जल के नीचे से उभरते गांव की झलक पाने के लिए इस सरोवर के किनारे पर्यटकों की भीड उमड पडती है !

No comments:

Post a Comment