एक जमाने मे ब्रिटीशोंकी गर्मियोंकी राजधानी और हिमाचल इस देवभुमी की राजधानीवाला सिमला प्राकृती की बेशुमार खुबसुरतीसे सजा पर्यटन क्षेत्र है ! एक बार सिमला गये और यह शहर आप के खुन मे समा गया तो फिर बार बार यहा आने के सिवा पर्यटकोंको के पास कोई रास्ता नही बचता और इसकी खासियत यह है की हर एक यात्रा मे यहा कुछ नया आपको नजर आता है, ऐसी पहचानवाला यह खुबसुरत गांव ! पाईन, देवदार, ओक पेडोंके घने जंगल, हिमालय की बर्फ से झकी शृंखलाए, रहने के लिए एक से बढकर एक खुबसुरत हॉटेल्स और पहाडोंकी ढलान ले बसी बस्तीया इस वजहोंसे सिमला पर्यटकोंका पसंदिदा पर्यटन क्षेत्र है !
भारत मे १८ वी सदि मे ब्रिटीश शासन मे हिल स्टेशन की संकल्पना उन्होने शुरु की थी जिसकी शुरुवात सिमला से की गयी ! ब्रिटीशोने हिमाचल के सिमला की तरह डलहौसी, कसौली, पालमपूर, धरमशाला ऐसी कई जगहोंपर वसाहतोंका निर्माण किया ! मगर इन सब मे खास रहा तो सिर्फ सिमला ! इस गांव का मुल नाम श्यामला यानी सांवली स्त्री ! यह कालीमाता का ही गांव ! छोटे छोटे घरोंके बस्तीयो मे बसे इस गांव मे युरोपियन लोगोने बनायी हुई केनेडी हाऊस यह पहली इमारत ! कई गर्व्हनर, बडे अधिकारी यहाकी अवश्य यात्रा करते थे ! १८६४ मे व्हॉईसरॉय जॉन लॉरेन्स ने सिमला को गर्मियोंकी राजधानी का दर्जा दिया और आसपास के सात चोटीयो वाले इस गांव मे कई इमारते, चर्च, बौद्ध मठ का निर्माण किया गया ! हिंदु मंदिरे तो पहले से ही यहा मौजुद थी ! इंग्लीश होम कौंटीज से साम्य खाती यहांकी वास्तुये देखनी चाहिए उसके साथ साथ आज भी दुनियांका पादचारी रास्तेवाला बाजार भी देखना जरुरी है !
राजभवन, ख्राईस्ट चर्च इन बिल्डिंग्स की यात्रा करते समय स्कॅंडल पॉईंट का भी मजा ले सकते है ! ब्रिटीश कमांडर चीफ की लडकी महाराजा ऑफ पटियाला के साथ यहांसे ही भाग गयी थी ऐसा कहा जाता है ! सच क्या और झुठ क्या है यह पता नही मगर यहांके पोस्ट, बॅंक, ऑफिस इन जगहोंपर बातचीत की महफिले आज भी सजती है ऐसा कहा जाता है !
सिमला के काली बारी मंदिर का निर्माण सन १८४५ मे रामचरण ब्रम्हचारी ने किया था ! इस पुराणे मंदीर से जाखु हिल्स जो सबसे उचाई पर जगह है बहोत नजदीक है और यहांसे सुर्योदय देखने के लिए बहोत भीड उमडती है ! इस हिल के उपर से सिमला का दिखाई देनेवाला नजारा उसी तरह दुरदराज फैली चोटीया, पहाडोंकी ढलानपर बसी बस्तीया, उंची और घनघोर वनसंपदा आंखोंकी प्यास बुझा देती है ! कामना देवी मंदिर, संकटमोचन हनुमान मंदिर, तारा देवी मंदिर, बुध्द गोंपा, गुरू द्वारा ऐसी कई क्षेत्र जिनकी यात्रा करनी चाहिए ! स्कीईंग, गोल्फ जैसे खेलोंका आनंद सिमला से करीब क्रूफी मे अगर मुमकीन हो तो ले सकते है ! सतलज नदी मे राफ्टिंग का मजा भी ले सकते है !
सिमला मे खरिदारी करने की कई वजह बता सकते है ! यहांके शॉल, चांदिके जेवर, हिमाचल की खास टोपी, कार्पेट, जॅकेट्स, लकडी की तराशी हुई चीजे, पेंटिंग्ज से खचाखच भरे बाजार देखते समय चीनी जुता मार्केट, लोअर मार्केट, लखारा मार्केट, तिबेटीयन मार्केट ऐसी कई जगहे उलथ पुलथ करने की तयारी रखनी चाहिए !
सिमला मे हिमाचल के खास पदार्थोंका आस्वाद लेना चाहिए पर उसके साथ साथ भारतीय, कॉंटीनेंटल, चायनीज खानेकी भी सुविधा उपलब्ध है ! अगर खाना नही खाना हो तो चाट, कॅडबरी चॉकलेट और कई अन्य तरहोंका फास्ट फुड आपके लिए उपलब्ध है ! शहर का म्युझियम भी देखनेलायक है तो वहांकी भी यात्रा करनी चाहिए ! सिमला जाने के लिए कई मार्ग है और सडक भी लाजवाब है, हवाई जहाज से भी जा सकते है या बाय रोड भी जा सकते है ! कल्का सिमला रेल भी है ! कीसी भी रास्तेसे जाये मगर शिमला जरुर जाये ऐसा इस शहर के बारे मे बताने को मन करता है !
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