"विकिपीडिया लेख में कैरोलीना खंड के उन्मुखीकरण और विचलन के बारे में अधिक जानकारी है, विशेष रूप से वितरण के उत्तरी छोर पर जहां "लंबे अक्षों की औसत अभिविन्यास अचानक ११२ डिग्री से एन४८ई डिग्री तक मानी जाती है" और उनके वितरण के दक्षिणी छोर पर जहां कैरोलिना खंड हैं उसे "एक कमजोर पूर्वोत्तर अभिविन्यास माना जाता है !". सभी कैरोलिना खंड, उत्तर-पश्चिम से दक्षिण दिशा में एक चिन्हित संरेखण प्रदर्शित करते हैं, हालांकि वहां छोटे स्थानीय उतार-चढ़ाव होते हैं ! संरेखण भी व्यवस्थित रूप से अक्षांश द्वारा भटक जाता है ! जो लोग अलौकिक मूल सिद्धांतों को खारिज करते हैं ! जो समुद्र के लहरों की कार्रवाई सहित कई भौगोलिक आकृतियों पर विचार करते हैं ! जब यह क्षेत्र समुद्र के नीचे था या भूजल के ऊपर चढ़ने या हवा की वजह से इन खंडों की इन अण्डाकार आकृति क्यों हैं या वे एक ही दिशा में क्यों बढ रहे है ! ये उन्हे कोई भी समझा नहीं सकता है !"
सन १९३० मे अटलांटिक तटों को इतिहास मे पहली बार हवाई जहाज से चित्रित किया जा रहा था तब एक अनोखी प्रतिकृती भूवैज्ञानिकों के नजर मे आई ! जिस तरह से चद्रमा पर बहोत सारे खड्डे या कुंड नजर आते है उसी तरह के कुंड दक्षिण न्यु जर्सी से उत्तरी फ्लोरिडा तक फैले तटोपर हजारो अजीब अंडाकृती कुंड नजर आये ! यह कुंड अब सामुहिक रुप से कैरोलिना बेज़ ( खंड ) कहलाते है, लेकीन उन्हे अलग अलग नामो से भी जाना जाता है ! जैसे मैरीलॅंड मे उन्हे मैरीलॅंड बेसिन कहा जाता है उसी तरह डेल्मरवा प्रायद्वीप मे उन्हे डेल्मरवा बेज़ कहा जाता है ! बेज़ ( खंड ) शब्द विभिन्न प्रकार के बेज़ पेडोंका सदर्भ है जो इन दबाव वाले क्षेत्र मे बढते है !
कैरोलिना बेज़ आकार में लगातार अंडाकार होते हैं और एक जोड़ी से कई समुहो मे हजार एकर जमीन में फैले हुए होते हैं। उनमें से ज्यादातर वनस्पतीया आर्द्रभूमि यानी सर्दियों और वसंत में वर्षा का पानी के साथ बढते है और गर्मियों के महीनों में सूख जाते हैं। उन सभी मे एक समान खुबीया पायी जाती है मगर हैरान करने वाली बात यह है की वे सभी एक ही दिशा एक समुह के साथ एक साथ बढते है ! किसी विशेष अभिविन्यास की वरीयता के कारण कई भुवैज्ञानिकों का मानना था कि जब उल्कापिंडों का झुंड अटलांटिक तट से टकराया होगा तब कैरोलिना बेज़ का निर्माण हुआ होगा ! ऐसी धारणा १९४० से १९५० की सदी मे बहोत मशहूर थी ! इससे पहले भी पृथ्वी विज्ञान में आधुनिक तकनीके और डेटा विश्लेषण थे जिनका उपयोग आज भी किया जाता है ! आधुनिक शोध से पता चला है कि दबाव बहुत प्रभावशाली होने की वजह से यह खंड निर्माण हुए है जो किसी उल्कापिंड के टुकडे से नही बने या गहराई में तीव्र गड़बड़ी से नही बने है !
ऐसा अनुमान लगाया जाता है कि एक बार अटलांटिक तटपर एक लाख के रूप में अर्ध मिलियन कैरोलिना खंड रहे होंगे जिसमे से केवल कुछ सैकड़ों ही बच गए या उन्हे संरक्षित किया गया होगा ! उदाहरण के तौर पे दक्षिण कैरोलिना के वुड्स बे और बेनेट्स बे यह दो संरक्षित खंड है ! उनमें से अधिकांश खंड तो स्वाभाविक रूप से कम हो गए या उनको खेती के लिए इस्तेमाल किया गया तथा मनुष्य जाती का प्रवेश और उनके आवास विकास द्वारा नष्ट किया गया होगा ! द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जॉर्ज टाउन काउंटी के एक बड़ी खाड़ी के हिस्से को बमबारी अभ्यास के रूप में इस्तेमाल किया गया था ! आज ये खंड जैव विविधता में आश्चर्यजनक रूप से समृद्ध हैं ! कई जाती के पक्षियों तथा प्रवासी जलपक्षियों और स्तनधारियों की कई प्रजातियां इन झीलों में पनपने लगी है ! उनमें से कुछ काफी दुर्लभ या लुप्तप्राय हैं ! अन्य निवासियों में ड्रैगनफ्लाईज, हरी चिपकलिया और हरे पेड़ के मेंढक शामिल हैं ! कई मांसाहारी पौधे भी कैरोलीना खंड मे पाए जाते है !
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