पिछले १०० वर्षों मे भारत के जतिंगा गांव की जमिन के छोटीसी पट्टीपर हजारों से ज्यादा पक्षियो ने अपने आप को मौत के हवाले किया है ! केवल २५०० लोगों के इस गांव मे भारत के सबसे प्रतिष्ठित पक्षी विज्ञानी के अध्ययन के बावजूद यह विचित्र जगह बरमुडा ट्रॅंगल की तरह अस्पष्टीकृत बनी हुई है !
जतिंगा मे बरसात के मौसम के बाद आमतौर पर सितंबर और अक्टुबर के महीनो मे, केवल अंधेरी चंद्रमा की रातो मे पक्षियों की ४४ प्रजातिया अचानक ६ से ९:३० के दर्मियान कुछ परेशान हो जाती है ! आश्चर्यजनक रूप से विचलीत होकर गांव की मशालो और रोशनी की तरफ खिंची चली जा रही है ! खुद को मौत के हवाले कर रही है या यु कही ये जैसे आत्महत्या कर रही है !
हालांकि पक्षियों को कभी-कभी अपनी मौत के बारे में पता चलता हैै ! आम तौर पर यह जतिंगा के गांववाले है जो वास्तविक हत्या कर रहे हैं ! उनका मानना है की आत्माये आकाश मे उडने वाली पक्षियों के सहारे उन्हे आतंकीत कर रही है ! इसलिये यहाके ग्रामीण ने उन्हे वश मे करने के लिए बांबु के डंडे के सहारे उन पक्षियों को मौत के घाट उतार रहे है !
खतरे के बावजुद हर साल पक्षियो ने अपने प्रदर्शन को दोहराया है और अपनी मौत को गले लगाने के लिए इस क्षेत्र मे २०० मीटर की उंचाईपर अपनी उडान जारी रखी है ! कई सिद्धांत प्रस्तावित किए गए हैं, एक यह सुझाव दे रहा है कि उच्च ऊंचाई, उच्च हवाओं और कोहरे के संयोजन की वजह से पक्षि अनदेखी करते हैं और गांव की रोशनी की तरफ आकर्षित होते है जब की यह रोशनी उन पक्षियोंको उड्डान प्रक्रीया मे उनकी स्थिरता से भ्रमित कर देता है ! अन्य एक सिद्धांत से पता चलता है कि इस क्षेत्र का मौसम भूमिगत जल के चुंबकीय गुणों में परिवर्तन की ओर जाता है जिसके कारण पक्षियों के लिए एक अव्यवस्थित राज्य का निर्माण हुआ है !
भारत के वाईल्ड ॲण्ड बर्ड सोसायटी के लोग इस गांव मे चले गये ताकि गांववालों को पक्षियों की हत्याओं की घटना को रोकने के प्रयास मे उन्हे शिक्षित किया जा सके ! उनकी इस प्रयास के बाद पक्षियोंकी हत्या की घटना मे ४० प्रतिशत की कमी देखी गयी ! असम के सरकारी अधिकारी इस घटना का सहारा लेकर जतिंगा जैसे छोटे गांव मे पर्यटकोंको आकर्षित करने की उम्मीद कर रहे है और इस बिसाद पर उन्होने इस गांव मे पर्यटकों के लिए निवासस्थान बनाने की तैयारी चालु कर दी है ! इस घटना का जानकारी बर्ड ऑफ आसाम इस किताब मे पक्षीविज्ञानी डॉ अन्वरुद्दीन चौधरी ने विस्तार से बतायी है !
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