पर्वतीय देश टेक्सास का बारामाह बहनेवाला जॅकोब कुऑ सायप्रस खाडी के किनारे विमबरले मे स्थित है ! कुए का मुख चार मीटर व्यास का है ! जिसमें से प्रति मिनिट हजारो गॅलन निकलनेवाला पानी का प्रवाह विमबरले होकेकर सायप्रस की खाडी मे संगम हो जाता है !
इस कुए की खोज पहले सन १८५० मे लगाई गयी थी जब यहाँ बसा एक जोडा उनके माध्यम से सायप्रस खाडी की सैर कर रहा था ! उन्होने देखा खाडी के तट पर एक दरार से प्रचुरता पुर्ण साफ और थंडा पानी कुए से बाहर निकल रहा है, जैसे बायबल टाईम्स मे वर्णन किया होता है ! फिर आगे चलकर यह कुए की जगह नयी पीढी के लिए गोता लगाने की जगह बन गयी ! अमेरिका के मुल रहिवासीयोंके लिए एकत्रित जमा होने की जगह बन गयी ! जो लोग साहस मे रुची रखते ह उनके लिए यह जगह गोता लगाने की मशहुर जगह बन गयी ! मगर हकीकत ये है की यहाँ साल मे कमसे कम आठ गोताखोर अपनी जान से हाथ धो बैठते है !
जॅकोब का कूऑ टेक्सास की एक लंबी पानी के नीचे बसी गुफा है ! जिसकी शुरुवात खाडी मे होती है जो १० मीटर तक सीधे निचे की ओर जाती है ! एक कोणे से निरंतर निचे जाते गाद की शृंखला के संकीर्ण प्रतिबंधोंको अलग करते हुए निकलती है ! आखिरकार ४० मीटर की गहराई मे पहुंचने मे आप कामयाब हो जाते है !
कई सालोंसे बहोत से लोगो ने इस कुए की पहली और दुसरी कक्षा की सफलतापुर्वक खोज की है ! पहली कक्षा सीधे बुंद की तरह ३० फिट है फिर वह ५५ फिट कोण मे नीचे मुड जाती है ! सुरज की किरणे इस कांच की तरह पानी मे घुस जाती है ! इस गुफा की जगह चमकदार है, शैवाल और वन्य जीवोंका घर है ! दुसरी कक्षा ८० फीट की दुरी तक जाती है जो तिसरी कक्षा की शुरुवात को बंद कर देती है ! दुसरी कक्षा मे एक गलत मार्ग है ! जिसे देखकर लगता है कुए से बाहर जाने का यह एक रास्ता है मगर एक ना एक गोताखोर इस जाल मे फंस जाता है ! तिसरा कक्ष एक छोटासा कमरा है नो पुरी तरह से शैवाल से भरा हूआ है ! यहाँ से सहिसलामत निकलने के लिए गोताखोरोंको अपने पानी के परोंको बिना गाद और शैवाल को हिलाये सही दिशा मे हिलाना चाहिए !
चौथी कक्षा का मार्ग बहोत ही मुश्किल है ! बहोत ही कम लोग जिन्होने चौथा कक्ष देखा है उनका कहना है की यह एक अछुती गुफा है जो चुने की पत्थरोंके संरचना के साथ बनी है और उसमे कंकड नही है ! यहाँ का तल एक सुंदर गाद से सुरक्षित है जिसे लाथ मारने अस्पष्ट दृश्य नजर आता है !
७९ वर्षीय इतिहासकार डोरोथी विंबरले केरबो याद करते है की एक समय ऐसा था जब जॅकोब कुए मे उतरना असंभव था ! ३ साल की उम्र मे वह अपने पिता के साथ यहाँ आयी थी ! उनकी एक तसवीर भी उनके फॅमिली अल्बम मे है जब उनके पिता ने उनको इस कुए मे फेका था तब वह निचे जा न सकी क्योंकी पानी के दबाव ने उन्हे बुलबुले की तरह उपर ढकेल दिया ! केरबो को याद आता है की वह और उनके साथी सन १९५० मे अक्सर इस जॅकोब कुए की यात्रा करते थे तब बसंत ऋतू मे यहाँ प्रवाह की दबाव की वजह से २ फिट से अधिक निचे जाना नामुमकीन सा था !
सन १९२४ मे जॅकोब कुए का हवा मे छह फिट पानी का निर्वहन प्रवाह १७० गॅलन प्रति सेकंद मापा गया था ! कुछ सालो बाद गोताखोरोंको प्रवाह के गहरी कक्षा तक पहुंचने के लिए मना कर दिया गया था ! सन २००० मे बसंत ऋतू मे पहली बार प्रवाह ने बहना बंद कर दिया था, फिर यही घटना २००८ मे दोहराई गयी !
पहली बार बसंत मे पानी बहना बंद कर दिया, इस घटना को इस रूप का प्रतिक माना गया की इस क्षेत्र मे पानी की कमी और गुणवत्ता की समस्या हो सकती है ! यह हर किसीके लिये तथा जमींदार डेविड बेकर के लिए खतरे की घंटी थी ! वह लोग इस जॅकोब कुए को जॅकोब गुफा मे परिवर्तीत होते नही देखना चाहते थे !
भविष्य की पीढ़ियों के लिए जॅकोब कुए के क्षेत्र को प्राकृतिक रुप मे विकसित तथा इस संवेदनशील क्षेत्र की रक्षा के लिए डेविड बेकर ने अपने घर को बहाल कर दिया है !
No comments:
Post a Comment