मृत व्यक्ति की ममिकरण प्रक्रिया प्राचीन काल से काफी प्रचलित अभ्यास है ! मिस्त्र के लोगो ने इस ममीकरण प्रक्रिया का विशेष रूप से उपयोग किया ! जिसने आज की चिकनी आवरण में लपेटे हुए एक मृत शरीर को लकडी के साचे मे ढले हुए छवि को जन्म दिया ! फिलीपींस की कई गुफाओं में की हुई कई शवों की खोज एक अलग प्रकार की मम्मी का प्रतिनिधित्व करती है, जैसे की आग की ममिया !
यहा की ममीयोंको कबायान ममियां, इबालोई ममीज या बेंगेट मम्मी ऐसे कई प्रकार के नामों से जानी जाती है ! फिलीपींस की आग की ममियां एक तरह से मायावी ममीयोंका झुंड है ! सन १९०० के दशक मे लगातार होनेवाली चोरियोंके कारण सरकारने इनके सटीक स्थानोंको गुप्त रखा है ! ममियों को पाँच घंटे की कार की सवारी के बाद और कबायान गांव की पहाडीयोंकी बुलंद सिढिया चढने के बाद ही देखा जा सकता है ! उनके मुल घुमावदार ताबूतों में यह ममीया टिमबाक गुफाओं मे स्थित है !
वैज्ञानिकों का मानना है कि इन ममियों का निर्माण १२५० से १५०० की सदी मे इबालोइ जनजाति के लोगो द्वारा किया गया होगा ! ममीकरण प्रक्रिया की शुरुवात मे जिस व्यक्ती की मृत्यु होने वाली है उसे पहले बहोतही नमकीन पेय पिलाया जाता था ! उसके मृत्यु के बाद उसके शरीर को धोया जाता था और बैठे हुए स्थिती मे उसके शरीर को आग लगा दी जाती थी जिससे उसके शरीर के अंदर के तरल पदार्थ को सुखाया जा सके ! शरीर और आंतरिक अंगों को अंदर से सूखने के लिए तंबाखु के धुएं को उसके मुँह में छोड दिया जाता था ! अंत मे उसके शरीर के उपर जडीबुटीयोंके तरल पदार्थ को लगाया जाता था ! यह अनुमान लगाया जाता है की यह प्रक्रिया पुरी होने के लिए कुछ हफ्ते या कभी कभी महीने भी लगते होंगे ! फिर उस शरीर को गुफाओ मे दफन किया जाता था ! १५०० दशक मे जब स्पेन ने फिलीपींस उपनिवेश स्थापित की तब इस ममीकरण अभ्यास को समाप्त किया गया !
आज की दौर मे ममियों को उनकी प्राकृतिक गुफाओ मे अपेक्षाकृत कम सुरक्षा के साथ छोड दिया गया है और उन्हे दुनिया के १०० सबसे खतरनाक जगहोंके रुप से नामित कर दिया गया है ! अधिकारी और भी ५० से ८० अन्य ममियोंको के बारे मे जानते है लेकिन उनकी बर्बरता के डर से उनकी स्थानो को गुप्त रखा गया है ! स्थानीय लोग अभी भी जिन और चिकन जैसे पदार्थो के साथ इन उजागर ममियों को सम्मान देते हैं ! इसके पिछे इनकी यही भावना है की वे सुनिश्चित करना चाहते है की मरे हुए को अच्छी तरह से खिलाया पिलाया जा सके ताकी आगे चलकर उनके जीवनकाल में अच्छा समय आ सके ! कबायान में एक छोटासा म्युझियम भी कुछ ममियों को प्रदर्शित करता है !
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