GANAPATIPULE – MAHARASHTRA

गणपतीपुले – महाराष्ट्र के रत्नागिरीका एक खुबसुरत गांव ( GANAPATIPULE – MAHARASHTRA ) 


GANAPATIPULE


कोकण दर्शन के लिये जाने वाले पर्यटको के लिये गणपतीपुले हमेशा ही एक आकर्षण केंद्र बना हुआ है ! यह छोटासा सुंदर गांव महाराष्ट्रके रत्नागिरी जिल्हे मे बसा हुआ है ! खुबसुरत समंदर, चमकीले रेत का दुरतक फैला हआ किनारा, नारियल सुपारी के पेडोंके बगीचे और सबसे बडा आकर्षण यहा का ४०० साल पुराना स्वयंभु गणेश मंदिर यह इस सब इस गांव की कुछ खासियत है ! भारत के पश्चिमी तट पे बसे इस गांव मे जाने के लिये मुंबई, पुना और कोल्हापुर से अच्छे इंतजामात किये हुये है ! 

समुद्र का शांत किनारा, मंद मंद बहनेवाली हवा, पहाड अपने साथ लेके बसा यह गणेश मंदिर, चारो बाजुसे हरियाली समेटा हुआ यह गांव खास कोकणी गांव है ! पर्यटकोंकी आवाजाही से यहा कई हॉटेल्स, दुकाने हो गयी मगर उसका कोकणी सौंदर्य जरा भी कम नही हुआ ! सकिर्ण रास्ते, लाल माटी, खासियत भरे कौलारु घरे, स्वच्छ परिसर, नारियल, सुपारी, कोकम, केले, आम, कटहल, जायफल ऐसे अलग अलग वृक्षसंपदा अपने उपर बिखेरे गणपतीपुले सजा हुआ है ! 

४०० साल पुराना गणेश मंदिर भक्तोंका श्रद्धास्थान है जिसे पहले देखना चाहिये ! स्वयंभु मतलब अपने आप ही तयार हुयी गणेशजी की मुर्ती इस तरह की यह एकमेव मुर्ती है ! गणपती मतलब गण, सैनिकोंका भगवान और पुले मतलब रेत का किनारा इस वजह से ही इस गांव को यह नाम मिला ! चोटी के तल मे यह मंदिर है और मुर्ती पश्चिमाभिमुख है ! पश्चिम घाट का रक्षणकर्ता इसलिये यह मुर्ती पश्चिमाभिमुख है ऐसा बताया जाता है ! इस गणपती को प्रदक्षिणा करनी हो तो पुरे पहाड को प्रदक्षिणा करनी पडती है जो भक्त बडे श्रद्धासे करते है ! 

यह जगह कोकण स्थित होने की वजह से यहांकी हवा गरम होती है और बरसात भी बहोत ज्यादा होती है ! इस वजह से यहा सर्दियोन्मे जाना अच्छा होता है ! महाराष्ट्र पर्यटन विकास महामंडल के सुंदर रेस्ट हाऊस यहा है तथा कई अन्य हॉटेल्स भी यहा है ! कुछ घरोन्मे भी रहणे और खाने के इंतजामात पाये जाते है ! मोदक, बिरडे की उसल, पोपटी कोकम का सार ऐसा कोकण का मेन्यु एकबार तो चखना चाहिये ! सुबह ब्रेकफास्ट मे खास दडपे पोहा, कोळाका पोहा ऐसा कोकणी मेन्यु बताना चाहिये जिससे भुख मिट जाती है और आत्मा तृप्त हो जाता है ! 

कोकण मे खरेदारी के लिये ज्यादा जगह नही होती मगर कटहल के गरे, आम की पोली, काजु, जायफल, वाल, पोहा, पापड, मिरगुंडे और कोकम ऐसी खाद्यपदार्थोंकी खरिदारी मनचाही कर सकते हो ! शाम होते ही समंदर पर जाकर शांतीसे सुर्यास्त देख सकते है ! सारी चिंताये मन का मैल डुबते सुरज के साथ समंदर मे बहाके नई उम्मीद के साथ अपने कामोंकी शुरुवात करनी चाहिये ! इसलिये ऐसी एक दो दिनोवाली पिकनिक बहोत ही महत्वपुर्ण होती है, तो जरुर देखिये एकबार करके ! 

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